‘पाक विस्थापितों के साथ अमानवीय व्यवहार संवेदनहीनता की पराकाष्ठा’ राठौड़ ने CM गहलोत को पत्र लिखकर याद दिलाए चुनावी वादे

पाकिस्तानी हिंदुओं के साथ जैसलमेर और जोधपुर में सरकार की ओर से की गई घर गिराने की कार्रवाई के बाद बीजेपी नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम गहलोत को इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने के लिए पत्र लिखा है. राठौड़ ने कांग्रेस को 2018 का जन घोषणा पत्र याद दिलाया है.

rajendra rathore

जयपुर: राजस्थान के पाकिस्तान की सीमा से लगे जैसलमेर जिले में पाकिस्तान से आए हिंदुओं के मकान पर सरकारी बुलडोजर चलने के मामले ने तूल पकड़ा हुआ है. बीते मंगलवार को जिले के अमर सागर क्षेत्र में रह रहे पाकिस्तानी हिंदुओं के मकानों को कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद गिरा दिया गया.बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन की ओर से करीब 50 से अधिक मकानों को जमीदोंज किया गया है.पाकिस्तानी हिंदुओं पर सरकार की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है जहां बीजेपी नेताओं ने सीएम गहलोत को आड़े हाथों लिया है. राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम गहलोत को इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने के लिए पत्र लिखा है. राठौड़ ने पत्र में कांग्रेस को 2018 में जारी किए गए घोषणापत्र में पाक विस्थापितों का सर्वांगीण विकास करने का वादा भी याद दिलाया है.

मालूम हो कि 2018 में कांग्रेस की ओर से चुनावों कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा था कि सरकार राज्य के विभिन्न हिस्सों में रह रहे पाक विस्थापितों के लोगों के उत्थान के लिए काम करती रही है और इन विस्थापितों के सर्वांगीण विकास के लिए अलग से एक निकाय बनाया जाएगा और इनके विकास में शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार जैसे विषयों के समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे.

जन घोषणा पत्र भूल गई कांग्रेस : राठौड़

राठौड़ ने पत्र में कहा है कि अफसोस की बात का है कि सरकार ने जन घोषणा पत्र में की गई घोषणाओं के अनुरूप पाक विस्‍थापितों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आवास जैसे विषयों पर पिछले साढे चार सालों में कोई योजना नहीं बनाई. उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण आने वाले विस्थापितों जो साल 1971 के बाद से आज तक अलग-अलग चरणों में आए उनकी संख्या आज 7 लाख से अधिक हो गई है जो राजस्थान में अलग-अलग जिलों में रहते हैं जिनमें जैसलमेर,जोधपुर और बाड़मेर इत्यादि स्थानों पर काफी समय से य़ह लोग रहते हैं.

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में पाक विस्थापितों के सर्वांगीण विकास के लिये अलग से बनाए जाने वाले निकाय की घोषणा भी अब दूर की कौड़ी साबित हो चुकी है. उन्होंने आगे लिखा कि अप्रैल 2023 में जोधपुर के चौखा गांव में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के सैकड़ों घरों को जोधपुर विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर से तोड़ डाला जहां पीड़ितों ने यह जमीन पैसे में खरीदी थी.वहीं जोधपुर की घटना के बाद 17 मई 2023 को जैसलमेर के अमर सागर क्षेत्र में मानवता की सारी हदें पार करते हुए एक बार फिर हिन्‍दू शरणार्थियों के आशियानों को बुलडोजर से रौंद डाला गया.

‘सरकार करवाए उच्च स्तरीय जांच’

राठौड़ ने आगे लिखा है कि धर्मांतरण के कारण से अपना घर छोड़कर राजस्थान में सुरक्षित माहौल में रहने की उम्‍मीद में आये पाक विस्थापितों के साथ जिस प्रकार का अमानवीय व क्रूर व्यवहार जोधपुर व जैसलमेर में किया गया है वह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है और मानव अधिकारों का खुला उल्लंघन है. उन्होंने बताया कि राजस्थान में रहने वाले ज्यादातर पाक विस्थापित दलित और आदिवासी वर्ग से आते हैं और यहां आने के बाद इनके पास रहने के लिए घर नहीं होते हैं. ऐसे में राठौड़ ने मांग करते हुए कहा कि जोधपुर व जैसलमेर की अमानवीय घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए सीएम आवास योजना में पाक विस्‍थापितों को आवास उपलब्ध करवाएं जाएं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *