राजस्थान में चुनावी साल में धरने, प्रदर्शन और हड़ताल

सरकार एक तरह आमजन को राहत पहुंचाने के लिए राहत कैम्प लगा रही है लेकिन कर्मचारी और जनप्रतिनिधि आमजन को राहत की जगह दर्द दे रहे है।

image 1 1 | Sach Bedhadak

जयपुर। सरकार एक तरह आमजन को राहत पहुंचाने के लिए राहत कैम्प लगा रही है लेकिन कर्मचारी और जनप्रतिनिधि आमजन को राहत की जगह दर्द दे रहे है। प्रदेश के अलग अलग वर्ग के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। प्रदेश के लाखों कर्मचारी और जनप्रतिनिधि काम छोड़कर धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें मंत्रालयिक कर्मचारी बीते एक सप्ताह से काम छोड़कर जयपुर में डेरा डाले हुए हैं। ग्राम विकास अधिकारी, सूचना सहायक, सरपंच भी कार्य बहिष्कार पर हैं। उधर, बीते एक सप्ताह से कार्य बहिष्कार पर चल रहे राजस्व विभाग के कर्मचारी रविवार को मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद सोमवार से काम पर लौटें हैं।

सफाईकर्मी भी आज से हड़ताल पर

प्रदेशभर के वाल्मिकी समाज के सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार से अनिश्चकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि शनिवार को निकाली गई 13 हजार 184 सफाई कर्मचारियों की विज्ञप्ति निकलने के बाद वाल्मीकि समाज के लोगों ने सरकार की ओर से वादाखिलाफी करने की बात कहकर हड़ताल पर जाने की बात कही। इधर, सोमवार को दिनभर वाल्मीकि समाज ने नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय पर बैठक की। उन्होंने कहा कि 2018 के पैटर्न पर भर्ती नहीं होने दी जाएगी। दूसरी तरफ संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया का कहना है कि 2018 कि तर्ज पर सफाई कर्मचारियों के रिक्त पदों पर भर्ती कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों ने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर आरक्षण के साथ भर्ती निकाली तो शहर की सफाई व्यवस्था ठप कर देंगे।

पंचायतों में तालाबंदी

11 सूत्री मांगों को लेकर सरकार से नाराज प्रदेश भर के सरपंचों ने सोमवार को महंगाई राहत कैम्प के दौरान भी तालाबंदी जारी रखी। शिविर स्थलों पर प्रशासन ने ताले खुलवाए। सरपंचों ने अपनी मांगों को लेकर बचत राहत कैं पों का बहिष्कार करते हुए पंचायत समिति और उपखंड कार्यालयों पर धरने प्रदर्शन किए। राष्ट्रीय सरपंच संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम पलसानियां ने कहा कि सरकार गांव के विकास के चार हजार करोड़ रुपए का बजट रोके बैठी है। यहां तक की कें द्र से आए 1500 करोड़ रुपए भी जारी नहीं किए जा रहे हैं। यही कारण है कि सरपंच अपनी इस मांग समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

सूचना सहायक सामूहिक कार्य बहिष्कार पर

राजस्थान अधीनस्थ कंप्यूटर कर्मचारी संघ के आह्वान पर राजस्थान के समस्त सहायक प्रोग्रामर और सूचना सहायक सोमवार को अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। जिला अध्यक्ष सुभाष यादव द्वारा बताया गया कि करीब 2 दशकों से सूचना सहायक वेतन विसंगति झेल रहा है। अतः ग्रेड पे 3600, कैडर रिव्यू अतिरिक्त भत्ता और नाम परिवर्तन जैसी मांगों के लिए सामूहिक अवकाश पर हैं। प्रदेशाध्यक्ष कपिल चौधरी ने बताया कि अगर सरकार कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है मांगों को लेकर के तो 3 मई से समस्त सहायक प्रोग्रामर और सूचना सहायक जयपुर में महापड़ाव डाल देंगे।

मंत्रालयिक कर्मचारियों का आठवें दिन भी महापड़ाव जारी

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर जारी सामूहिक अवकाश के साथ महापड़ाव सोमवार को आठवें दिन भी जारी रहा। धरना स्थल पर सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं विधाधर नगर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल ने वार्ता करते हुए जल्द मांगें सीएम के साथ चर्चा कर पूरी करवाने का आश्वासन दिया। प्रदेशाध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारी पिछले 30 वर्षों से समानांतर के डरों के समकक्ष वेतनमान एवं समान भर्ती की योग्यता की बात कर रहे हैं।

प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र दाधीच ने बताया कि कांग्रेस सरकार द्वारा वर्ष 2013 में कनिष्ठ सहायकों के वेतनमान में बढ़ोतरी करते हुए ग्रेड पे में बढोतरी की थी, लेकिन विगत भाजपा सरकार द्वारा बर्ष 2017 में पुनः निर्धारण करते हुए प्रत्येक मंत्रालयिक कर्मचारी को लगभग 6000 रुपए से अधिक का नुकसान पहुंचाया। इसे पुनः बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा बजट में 2268 पद पंचायती राज विभाग को पदोन्नति के दिए थे, लेकिन एक वर्ष गुजरने के बाद भी स्वीकृत पदों का नोटिफिके शन जारी नहीं किया। राजस्व विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों के पदोन्नति के 25% कोटे को समाप्त करने का विरोध करते हुए कहा कि सरकार राजस्व पटवार संघ के दबाव में 25% कोटे को समाप्त करना चाहती है।

ये खबर भी पढ़ें:-तेज गर्मी से मिली राहत, 40 डिग्री के नीचे रहा पारा, कल से एक्टिव होगा नया विक्षोभ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *