Jaipur: 9 साल का लक्की जीता जिंदगी की जंग, 7 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बोरवेल से बाहर निकाला

राजधानी जयपुर के जोबनेर थाना इलाके में बोरवेल में गिरे 9 साल के बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

Lucky fell in borewell03 1 | Sach Bedhadak

Borewell accident in Rajasthan : जयपुर। राजधानी जयपुर के जोबनेर थाना इलाके में बोरवेल में गिरे 9 साल के बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। भोजपुरा गांव में अक्षित उर्फ लक्की 300 फीट गहरे बोरवेल में करीब 100 फीट गहरे गड्ढे में फंसा गया था। जिसे सुरक्षित बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया है। अब बच्चे को मेडिकल के लिए ले जाया गया है। करीब 7 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सिविल डिफेंस एवं एनडीआरएफ की टीम की बड़ी सफलता मिली है। बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने के बाद अब पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली है। वहीं, परिजन और ग्रामीणों की आंखों में भी खुशी के आंसू छलक पड़े है।

जानकारी के मुताबिक जोबनेर थाना इलाके के भोजपुरा गांव में 9 साल का लक्की 300 फीट गहरे बोरवेल में करीब 100 फीट गहरे गड्ढे में फंसा गया था। सूचना मिलते ही जोबनेर एसडीएम अरुण कुमार जैन, तहसीलदार पवन चौधरी, जोबनेर डीएसपी मुकेश चौधरी और थाना प्रभारी पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों की मदद से अपने स्तर पर बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने की कोशिश की। लेकिन, पर्याप्त संसाधनों के अभाव में सफलता नहीं मिली थी।

टीम ने आते ही ऑक्सीजन और पानी की व्यवस्था की

स्थानीय प्रशासन की सूचना पर जयपुर से सिविल डिफेंस एवं एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई। मौके पर पहुंची टीम ने आते ही बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन चलाया। कई घंटे से बोरवेल में फंसे मासूम के बेहोश होने की आशंका बढ़ गई थी। इसके लिए बच्चे को पानी, ग्लूकोज और ज्यूस पहुंचाया गया है। साथ ही बच्चे के लिए ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई।

टीम को 7 घंटे में यूं मिली बड़ी सफलता

रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ की टीम ने लोहे का जाल नीचे डाला है। यह जाल बच्चे की पीठ के पास से होता हुआ नीचे गया और नीचे जाते ही खुल गया। इसके बाद जैसे ही अक्षित ने अपने पैर जाल पर रखे तो सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ की टीम ने उसको ऊपर खींचना शुरू दिया। इसके बाद कुछ घंटे की मशक्कत के बाद ही लक्की को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। हालांकि, बच्चे को बाहर निकालने के लिए टीम ने बोरवेल के पास में ही एक गड्ढा भी खोदा था। ताकि पैरलल गड्‌ढे की मदद से लक्की जिस हाइट पर फंसा हुआ है, वहां तक पहुंचा जाएगा। लेकिन, इससे पहले ही टीम को बड़ी सफलता मिल गई। हालांकि, बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने में टीम को करीब 7 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। लक्की को बाहर निकालने के बाद उपचार के लिए एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया।

एक घंटे की देरी से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

ग्रामीणों की सूचना पर जोबनेर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना से पुलिस व प्रशासन में हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में जोबनेर एसडीएम अरुण कुमार जैन, तहसीलदार पवन चौधरी, जोबनेर डीएसपी मुकेश चौधरी, थाना प्रभारी सहित पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंच गया। इसके बाद जयपुर से सिविल डिफेंस एवं एनडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया। सुबह 7 बजे बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना मिली। लेकिन, करीब एक घंटे की देरी से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ।

खेलते-खेलते बोरवेल में गिरा था बच्चा

कुड़ियों का बास का रहने वाला 9 वर्षीय अक्षित उर्फ लक्की भोजपुरा कलां में अपने मामा के घर पर गर्मियों की छुटि्टयां मनाने आया हुआ है। जो शनिवार सुबह अचानक खेलते समय भोजपुरा कलां में घर के पास खेत पर बने बोरवेल में गिर गया था। लेकिन, घरवालों को भी इस बारे में पता नहीं चला। कई घंटे बाद जब परिजनों ने देखा की लक्की दिखाई नहीं दे रहा है तो उसकी खोज शुरू की। तभी बोरवेल से बच्चे की आवाज सुनकर परिजनों के होश उड़ गए। कुछ ही देर में ग्रामीणों की भीड़ भी जमा हो गई। इसके बाद पुलिस को स्थानीय प्रशासन को सूचना दी गई। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ की टीम ने बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाल कर राहत की सांस ली। वहीं, परिजनों के खुशी के आंसू छलक पड़े।

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