चैत्र नवरात्रि: नाव पर सवार मां दुर्गा दे रही है अच्छी बारिश का संकेत

इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिन रहेगी। इसके साथ ही मां दुर्गा इस नवरात्रि में नाव पे सवार होकर आयेगी। यह इस बात का संकेत है कि इस वर्ष अच्छी वर्षा होगी।

chaitra navrtari 2023 | Sach Bedhadak

हिंदू धर्म में वर्ष में आने वाली चार नवरात्रियों का बहुत महत्व है। माघ ,चैत्र ,आषाढ़,और आश्विन मास में नवरात्र आते हैं। इनमें माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र,गुप्त नवरात्र कहलाते हैं। इस समय मां शक्ति की आराधना गुप्त तरीके से की जाती है। चैत्र और आश्विन मास में आने वाले नवरात्र सभी सनातनी लोग करते हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि 22 अप्रैल को शुरु होगी। इसी दिन नये संवत्सर 2080 की भी शुरुआत होगी। नवरात्रि 22 अप्रैल से 30 मार्च तक होगी। इसका अर्थ है कि इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिन रहेगी। इसके साथ ही मां दुर्गा इस नवरात्रि में नाव पे सवार होकर आयेगी। यह इस बात का संकेत है कि इस वर्ष अच्छी वर्षा होगी।

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राम नवमी पर रहेगा गुरु पुष्य योग

इस बार नवरात्रि पर मां दुर्गा के सभी नौ स्वरुपों की पूजा होगी। नवरात्रि के दौरान तीन सर्वार्थ सिद्धि योग ,23,27 और 30 मार्च को लगेगें। इसके साथ ही अमृत सिद्धि योग 24 और 27 मार्च को लगेगा। रवि योग 24,26 और 29 मार्च को लगेगा। चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन 30 मार्च ,राम नवमी को गुरु पुष्य योग रहेगा।

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कलश में सिक्का और सुपारी डालें

नवरात्रि के पहले दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहन लें । इसके बाद घर के मंदिर में जाएं और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर चावल रखें और उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें और उस पर पानी से भरा हुआ कलश रख दें। कलश पर स्वास्तिक बना कर कलावा बांधें। कलश में साबूत सुपारी,सिक्का और अक्षत डालें और अशोक के पत्ते रखें। एक नारियल पर चुनरी लपेटें और कलावा बांधें। इस नारियल को कलश पर रख कर मां भवानी का आह्वान करें। इसके बाद दीप जलाकर कलश की पूजा करें।

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