Sahastradhara: पूरे विश्व में प्रसिद्ध है देहरादून की ‘सहस्त्रधारा, इस गुफा में गुरू द्रोणाचार्य ने की थी तपस्या

हर व्यक्ति को दुनिया-जहां घूमने का शौक होता है। इसके लिए वह नई-नई जगह तलाश करता रहता है। कुछ लोगों को होटेल- रेस्त्रा एक्सप्लोर करना…

Sahastradhara of Dehradun is famous all over the world, Guru Dronacharya did penance in this cave

हर व्यक्ति को दुनिया-जहां घूमने का शौक होता है। इसके लिए वह नई-नई जगह तलाश करता रहता है। कुछ लोगों को होटेल- रेस्त्रा एक्सप्लोर करना पसंद होता है तो किसी को प्राकृतिक (Sahastradhara) स्थान, कोई बीच किनारे समंदर की लहरों का आनंद लेने का शौकीन होता है, तो कुछ लोग अध्यात्म की खोज में मंदिरों का भ्रमण करने निकल पड़ते है। ऐसा ही एक प्राकृतिक स्थान है उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में, जिसका नाम सहस्त्रधारा है।

यह देहरादून शहर से करीब 16 किलोमीटर दूर है, जो कि अपने-आप में अनोखा और अद्भुत स्थान है। पूरे भारतभर से लोग इस स्थान को देखने के लिए आते हैं। इसके बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका इतिहास पौराणिक काल से जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड राज्य के देहरादून में राजपुर गांव के पास स्थित यह स्थल भारत का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है। यहां पहाड़ी से गिरता हुआ जल लोगों को अपनी ओर खींचता है।       

झरने का इतिहास 

सहस्त्रधारा को औषधीतुल्य माना गया है, क्योंकि यहां के जल में गंधक मिला हुआ है। यह पेट तथा त्वचा रोगों के लिए उपयोगी माना गया है। इसलिए इसे गंधक झरना भी कहा जाता है। यह त्वचा संबंधित (Sahastradhara) बीमारियों के लिए काफी लाभदायक है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी इसकी बहुत महत्ता है। इस स्थान पर एक पहाड़ी के अंदर कई छोटी-छोटी गुफाएं बनी हुई है। जिन्हें प्राकृतिक रूप से तराशा गया है।

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इन गुफाओं की छत से हल्की-हल्की रिमझिम पानी की बौछारें आती रहती हैं। इसी को सहस्त्रधारा कहा जाता है। मान्यता है कि पोलियो से ग्रस्त बच्चे को गंधक के जल में स्नान करवाने से रोग दूर हो जाता है। इस गुफा के बारे में कहा जाता है कि गुरू द्रोणाचार्य ने यहां तपस्या की थी। इसके बाद गर्मी से परेशान होकर उन्होंने भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया कि, यहां हमेशा जल टपकता रहेगा। यहीं पर एक प्राचीन शिव मंदिर भी बना हुआ है।    

सहस्त्रधारा की स्थिति

सहस्त्रधारा का शाब्दिक अर्थ निकालें तो ‘हजार गुना वसंत’ होता है। इस स्थान पर चूना पत्थर के स्टैलेक्टाइट्स से लगातार पानी गिरता रहता है। इसके पानी में प्रचुर मात्रा में सल्फर पाया जाता है। इसलिए यह स्थान (Sahastradhara) सल्फर के झरनों के रूप में भी जाना जाता है। इसकी भौगोलिक स्थिति की बात करें, तो यह 30.387231 अक्षांश और 78.131606 देशांतर पर स्थित है।

सहस्त्रधारा छोटी नदी और काली गढ़ के तट पर स्थित है, जो कि सोंग नदी की सहायक नदी है। यहां प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनता है। सहस्त्रधारा के स्थानीय लोग गुफाओं, झरनों पर सीढ़ीदार खेती करते हैं। इसी कारण यह लोगों के बीच रोमांच की जगह बनी हुई है। यहां की भव्य प्रकृति लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

देहरादून के अन्य पर्यटन स्थल 

सहस्त्रधारा के अलावा भी देहरादून में कई पर्यटन स्थल हैं। टपकेश्वर महादेव मंदिर- यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मालसी डियर पार्क- यह शिवालिक रेंज पर स्थित है। रोबर्स केव- इसे डाकुओं की पुरानी (Sahastradhara) गुफा के नाम से भी जानते हैं। बुद्धा मंदिर- इसे वर्ष 1965 में बनाया गया था। इसके अलावा साईं बाबा मंदिर, गुरुद्वारा नानकसर, खलंगा वार मेमोरियल, फन वैली तथा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान भी प्रसिद्ध स्थल है।

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