कीव- यूक्रेन (Ukrain Russia Crisis) में रूस की सेना भीषण तबाही के दौरान दुनिया ने एक ऐसा युद्ध देखा है जिसे कई पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा, लेकिन रूस के एक विश्लेषक ने इसे एक बड़े विश्व युद्ध की सिर्फ ‘रिहर्सल’ करार दिया है। रूस के सरकारी टीवी चैनल पर इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टडीज में रिसर्च फेलो प्रोफेसर एलेक्सी फेनेंको ने कहा कि अगला संघर्ष नाटो के खिलाफ हो सकता है।
सनद रहे कि यूक्रेन में अपनी बर्बर कार्रवाई को अभी तक (Ukrain Russia Crisis) क्रेमलिन ने ‘युद्ध’ करार नहीं दिया है, बल्कि इसके लिए वह ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ शब्द का इस्तेमाल कर रहा है। रूस में मीडिया पर सरकार का नियंत्रण है और अखबार व न्यूज चैनल वही कहते हैं जो क्रेमलिन चाहता है।
इनकी रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिनों पहले रशिया-1 नेटवर्क पर एक चर्चा के (Ukrain Russia Crisis) दौरान फेनेंको ने ‘युद्ध’ शब्द का इस्तेमाल किया और संकेत दिया कि भविष्य में ऐसे और युद्ध देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यूक्रेन का युद्ध भविष्य में संभावित बड़े संघर्ष की रिहर्सल है। हम नाटो हथियारों का परीक्षण और अपने हथियारों से उनकी तुलना करेंगे और युद्ध के मैदान में पता चलेगा कि हम कितने ताकतवर हैं।
फेनेंको ने कहा कि यह भविष्य के संघर्षों के लिए एक सीखने वाला अनुभव हो (Ukrain Russia Crisis) सकता है। अगर यह माना जाए कि फेनेंको की टिप्पणियों को ‘ऊपर’ से मंजूरी मिली है तो यह क्रेमलिन के दृष्टिकोण में एक अहम बदलाव को दिखाता है। रिटायर्ड अमेरिकी जनरल बैरी आर मैककैफ़री ने फेनेंको के बयान को ‘हैरान करने वाला’ बताया। उन्होंने कहा कि नाटो/यूरोपीय संघ की आर्थिक और सैन्य ताकत रूस से कई गुना ज्यादा है।
नाटो देशों के खिलाफ रूसी आक्रमकता को (Ukrain Russia Crisis) बढ़ाना पूरी तरह अतार्किक होगा। फेनेंको का बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन कर दिया है। पुतिन ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा था कि दूसरे देशों में नाटो का सैन्य विस्तार मॉस्को को प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर कर सकता है। रूस ने दावा किया है कि मारियुपोल के अजोवस्टल स्टील प्लांट में मौजूद सभी यूक्रेनी सैनिकों ने सरेंडर कर दिया है।