World News: वॉशिंगटन- दुनिया के सबसे शक्तिशाली ज्वालामुखीय विस्फोटों में से एक ने वायुमंडल में इतनी अधिक मात्रा में जलवाष्प का विस्फोट किया था कि इससे पृथ्वी की सतह के अस्थाई रूप से गर्म होने की संभावना है। नासा की एक सैटेलाइट के डेटा से इसकी जानकारी मिली है।
जब 15 जनवरी को समुद्र के नीचे स्थित हुंगा टोंगा-हुंगा हापाई ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ तो इससे एक सुनामी और एक सोनिक बूम पैदा हुआ। इस ने जलवाष्प का एक विशालकाय ढेर समताप मंडल में भेज दिया। नासा के अनुसार यह पानी ओलंपिक आकार के 58,000 स्विमिंग पूल को भरने के लिए पर्याप्त था। नासा का सैटेलाइट जलवाष्प, ओजोन और अन्य वायुमंडलीय गैसों को मापता है। जलवाष्प विस्फोट की रीडिंग से वैज्ञानिक हैरान हो गए।
वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि विस्फोट से समताप मंडल में 146 टेराग्राम (146 ट्रिलियन ग्राम ) पानी पहुंचा। यह 1991 में फिलीपींस में माउंट पिनातुबो विस्फोट के बाद समताप मंडल तक पहुंचने वाली जलवाष्प की मात्रा का लगभग चार गुना था। जलवाष्प निष्कर्षों के बारे में एक नया अध्ययन जुलाई में जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित हुआ है।
नासा के वायुमंडलीय वैज्ञानिक लुइस मिलन ने कहा, ‘हमने ऐसा कभी कुछ नहीं देखा है।’ आमतौर पर बड़े ज्वालामुखीय विस्फोट पृथ्वी की सतह को ठंडा करते हैं, क्योंकि गैस, धूल और राख सूर्य की रोशनी को रोक देते हैं। 1815 में विस्फोट के बाद ‘ज्वालामुखीय सर्दियां’ आई थीं, लेकिन टोंगा विस्फोट अलग था, क्योंकि वायुमंडल में गई जलवाष्प गर्मी को रोक सकती है, जिससे सतह का तापमान बढ़ सकता है।
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