इस्लामाबाद- पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ‘फासीवादी योजना’ के तहत इस साल के अंत तक पूरे विपक्षी नेतृत्व को अयोग्य घोषित कराकर 15 वर्ष तक शासन करना चाहते थे। मीडिया में रविवार को आई एक खबर के अनुसार, पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ मंत्री ने यह दावा किया है।
ऊर्जा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा कि उन्हें पहले से जानकारी थी कि खान पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष व मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और अहसान इकबाल सहित पूरे विपक्षी नेतृत्व का सफाया करना चाहते थे।
रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने यह घोषणा भी की थी कि उनके राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामलों में तेजी लाने के लिए 100 न्यायाधीशों की सेवाएं ली जाएंगी। जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी सिर्फ डेढ़ साल के लिए देश का शासन अपने हाथ में लेने को तैयार क्यों हुई, उन्होंने कहा, ‘गठबंधन केवल इसलिए बनाया गया है, क्योंकि खान की इस देश पर हमला करने की फासीवादी योजना थी।’
दस्तगीर के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता और पूर्व मंत्री अली हैदर जैदी ने कहा, ‘खुर्रम दस्तगीर खुले तौर पर स्वीकार कर चुके हैं कि भ्रष्टाचार के मामलों से विपक्ष को बचाने की साजिश के माध्यम से इमरान खान की संवैधानिक रूप से चुनी हुई सरकार को हटाया गया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये ठग अब अर्थव्यवस्था को नष्ट कर रहे हैं।’
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को इस बार भी ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। एफएटीएफ ने कहा कि पाक 34 में से 32 शर्तें ही पूरा कर सका है। अब फरवरी 2023 की बैठक में ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने पर फैसला किया जाएगा। इमरान खान ने एफएटीएफ के इस फैसले को लेकर अपनी पीठ खूब थपथपाई है।
पीटीआई के नेता और इमरान खान के मीडिया सलाहकार फय्याज-उल-हसन चौहान ने ट्वीट किया, ‘खबर मिली है कि कुछ लोगों ने अफगानिस्तान में मौजूद कोची नाम के एक दहशतगर्द को पूर्व पीएम इमरान खान को कत्ल करने की सुपारी दी है।’
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