इजराइल में मिला 2500 साल पुराना टॉयलेट, सैंपल से खतरनाक बीमारी का खुलासा

यरूशलम। वैज्ञानिकों को यरुशलम में एक ऐसा टॉयलेट मिला है जो उस जमाने के लोगों की स्वास्थ्य से जुड़ी आदतों के बारे में बताता है।…

2500 years old toilet found in Israel, dangerous disease revealed by sample

यरूशलम। वैज्ञानिकों को यरुशलम में एक ऐसा टॉयलेट मिला है जो उस जमाने के लोगों की स्वास्थ्य से जुड़ी आदतों के बारे में बताता है। इस टॉयलेट के मिलने के साथ ही वैज्ञानिकों को इस बात का भी यकीन हो गया है कि उस समय लोग अपने स्वास्थ्य के लिए जागरूक नहीं थे। वैज्ञानिकों ने 2500 साल पुराने टॉयलेट सैंपल्स की टेस्टिंग के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि लौह युग में लोगों की आदतें स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं थीं। रिसर्चर्स ने पत्थर के दो शौचालयों के नीचे के गड्ढों से खुदाई की थी। उन्हें इस दौरान पेचिश पैदा करने वाले जीवाणुओं के सबूत पाए हैं।

आज भी बच्चों के लिए जानलेवा है पेचिश 

एक और टॉयलेट सीट ओल्ड सिटी ऑफ यरुशलम की प्राचीन इमारत में मिली है। रिसर्चर्स को चार प्रकार के आंतों के परजीवी- टेपवर्म, पिनवॉर्म, राउंडवॉर्म और व्हिपवॉर्म के अंडे भी मिले थे, लेकिन नई रिसर्च के मुताबिक पेचिश पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव नाजुक और बेहद हानिकारक हैं। जियार्डिया की वजह से होने वाली पेचिश से वर्तमान समय में ज्यादातर बच्चों की जान जाती है। इस बीमारी से संक्रमित बच्चों का मानसिक विकास भी रुक जाता है।

एलीट फैमिली के टॉयलेट्स 

ये टायलेट्स एलीट परिवारों के थे। कहा जाता है कि उस समय यरूशलम, अश्शूर साम्राज्य के दौरान एक राजनीतिक और धार्मिक केंद्र था। यहां पर उस समय आठ से 25 हजार तक लोग रहते थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये टायॅलेट्स जियार्डिया डुओडेनैलिस नामक बीमारी का सबसे पहला प्रमाण हैं। हालांकि, पेट का इनफेक्शन जो दस्त, पेट में ऐठन और वजन घटाने की वजह बनता है, उसकी पहचान सबसे पहले रोमन-युग के मध्यकालीन इजराइल में हुई थी।

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