इस साल होली 8 मार्च को है। कई लोगों ने अभी से ही तैयारियां शुरु कर दी होगी। कई लोग ऐसे हैं जो मार्केट में बिकने वाले गुलालों से अपनी त्वचा को बचाना चाहते हैं। इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं घरेलू नुस्खें।
वैसे तो बाजार में गुलाल के नाम पर सिंथेटिक कलर खूब उपलब्ध है। लेकिन ये रंग आपकी त्वचा के लिए हानीकारक साबित हो सकते हैं। इन सिंथेटिक कलर से आपकी त्वचा पर चकत्ते, ड्राइनेस और अन्य एलर्जी भी हो सकती है।
ऐसे मौके पर फूल, पत्तियों, सब्जियों और मसालों से तैयार रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये खासकर स्किन के लिए फायदेमंद होंगे और आंखों को भी नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
लाल रंग प्यार की निशानी होता है और होली में इस रंग की जरूरत तो सबसे ज्यादा होती है। इसलिए इसे बनाने के लिए चुकंदर को अच्छे से उबालकर घिस लें और इसे आटे में थोड़ा-थोड़ा कर मिला ले ऐसे तैयार हो गया आपका लाल रंग।
चुकंदर से बनेगा लाल रंग
गेंदे के फूल, अमलतास या गुलदाउदी के फूल का गूदा बना ले। इस गूदे को मक्के के आटे में मिलाएं और ऐसे तैयार हो जाएगा आपका पीला रंग। डेड स्किन हटाकर नैचुरल स्क्रब की तरह काम करेगा।
गेंदे के फूल से बनेगा पीला रंग
100 ग्राम पलाश के सूखे फूल को एक बाल्टी पानी में उबालकर छान लें। इस रंग के पानी को धीरे-धीरे आटे में मिलाएं और तैयार है आपका केसरीया रंग।
पलाश बनाएगा केसरिया रंग
हरा रंग बनाने के लिए पालक या नीम की पत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप पत्तियों का पेस्ट बना लें और मक्के या सादे आटे में मिला लें। इससे आपका हरा रंग तैयार हो जाएगा।
पालक देगा हरा रंग
नीले रंग का गुलाल बनाने के लिए आपको चाहिए जकरांदा के फूल। इन फूलों को आप सुखा लें और पीस कर इसके पेस्ट को चावल के आटे या मक्का के आटे में मिला लें।