इन दिनों वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन काफी चर्चा में है। स्वदेशी रूप से बनी इस ट्रेन ने भारतीय रेल का नया इतिहास रचा है। साथ ही इसमें इस्तेमाल हुई तकनीक काफी कमाल की हैं।
आपको बता दें कि, देश की पहली वंदे भारत ट्रेन 18 फरवरी 2019 को चली थी। जिसका ट्रायल राजधानी दिल्ली और वाराणसी के बीच हुआ था। इस यात्रा में केवल दो ही स्टॉपेज हैं एक कानपुर और प्रयागराज।
क्या आप जानते हैं कि, इस ट्रेन को बनाने में करीब 100 करोड़ रुपए की लागत आई थी। आज इसी खास वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की कुछ खासियत के बारे में हम जानेंगे।
वंदे भारत देश की पहली इंजन रहित ट्रेन है। आम तौर पर ट्रेनों में इंजन का एक अलग कोच होता है। इसका इंजन कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि, ये 52 सेकेंड में ही 100किमी/ घंटे की रफतार पकड़ सकती है।
इस ट्रेन में कुल 16 कोच होते हैं, हर कोच में कुल 78 सीट हैं। ये सीट 180 डिग्री तक घूम सकती हैं और साथ ही इस ट्रेन के दरवाजे मेट्रो की तरह खुलते हैं।
इस ट्रेन में खाने की भी सुविधा है। भोजन का चार्ज टिकट में ही जोड़ी गया है। यदि आप नई दिल्ली से वाराणसी की यात्रा कर रहे हैं तो आपको ट्रेन में नाश्ता और दोपहर का भोजन परोसा जाएगा।
साथ ही इस ट्रेन में इंटरनेट की सेवा के लिए ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा भी दी गई है। जो कि काफी यूनीक है।
फिलहाल ये ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफतार से चल रही हैं। जिसे बढ़ाकर 200 किलोमीटर तक की स्पीड तक बढ़ाया जा सकता है।
इस ट्रेन में जैव-वैक्यूम शौचालय बनाए गए हैं। ये बिल्कुल वैसे ही शौचालय हैं जैसे की हवाई जहाज में इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके अलावा इसमें टच-फ्री बाथरूम फिटिंग भी दी गई है।
इस ट्रेन में आधुनिक अनाउंसमेंट सिस्टम है। प्रत्येक स्टेशन से गुजरते समय स्वत: ही यात्रियों को जानकारी दी जाएगी।