नवरात्रि के नौ दिनों में नवदुर्गाओं की पूजा कर मनचाहा वरदान प्राप्त किया जा सकता है। जानिए इन सभी के बारे में

शैलपुत्री

ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। नवरात्र पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की  जाती है।

ब्रह्मचारिणी

माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं। 

चंद्रघंटा 

माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। इस देवी की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। 

कूष्माण्डा

नवरात्र-पूजन के चौथे दिन कूष्माण्डा देवी की पूजा करने से भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है।

स्कंदमाता

नवरात्रि का पाँचवाँ दिन स्कंदमाता की उपासना से भक्त की सारी इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं। भक्त को मोक्ष मिलता है। 

कात्यायनी

माँ दुर्गा के छठे स्वरूप कात्यायनी की पूजा से भक्तों के रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं।

कालरात्रि

माँ दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्माण्ड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं।

महागौरी

माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति महागौरी की भक्ति और कृपा से अलौकिक सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं।

सिद्धिदात्री

माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री सभी लौकिक और परलौकिक कामनाओं की पूर्ति करती हैं।