विश्व में ऐसे कई अद्भुत व आश्चर्यजनक स्मारक, ईमारतें तथा पुराने भवन व हवेलियां हैं, जिन्हें दुनियाभर में जाना जाता है। इनमें से कुछ ईमारतों को लोगों के बीच आश्चर्य का केंद्र माना जाता है, इनमें से सात ईमारतें विश्वभर में प्रसिद्ध है। इन ऐतिहासिक ईमारतों को अजूबों के नाम से जाना जाता है। पूरे विश्व में ऐसे सात अजूबे हैं जिनका नाम विश्व धरोहर में शामिल है।
इन्हीं में से एक है चीन की दीवार, जो कि पत्थर व मिट्टी से बनी किलेनुमा दीवार है। यह चीन के लिओनिंग से हेबेई, टियांजिन, बीजिंग, इनर मंगोलिया, शांक्सी, शानक्सी और निंग्ज़िया से गांसु तक फैली हुई है। इसे द ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना के नाम से भी जाना जाता है। मानव निर्मित यह ढांचा पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इसलिए इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इस दीवार की विशेषताओं तथा इतिहास के बारे में विस्तार से जानेंगे आज के कॉर्नर में…
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चीन की विशाल दीवार के नाम से जानी जाने वाली यह दीवार मिट्टी व पत्थरों से बनी हुई है। इसलिए यह एक किले की दीवार की तरह दिखाई प्रतीत होती है। इसका इतिहास पांचवी शताब्दी से जुड़ा हुआ है। दरअसल इसे बनाने के पीछे का उद्देश्य यह था कि इससे उत्तरी हमलावरों से चीन की रक्षा हो सके। इस दीवार को पांचवी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवीं शताब्दी के बीच बनवाया गया था। इसे चीन के विभिन्न शासकों द्वारा बनवाया गया था। इसे मिंग वंश की सुरक्षा के उद्देश्य से बनवाया गया था। इसकी विशालता को देखने दुनियाभर के लोग जाते है। यह दीवार इतनी विशाल तथा मोटी है कि इसे अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि जब इसे बनाया जा रहा था तो इस दौरान लगभग 20 से 30 लाख लोगों की मौत हो गई थी।
यह दीवार 6400 किलोमीटर लंबी है। इस महान दीवार का विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से लेकर पश्चिम में लोप नुर तक है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल ही के सर्वेक्षण के अनुसार इसकी लंबाई 8,851.8 किलोमीटर है। इसे चीन की रक्षा करने के लिए बनाया गया था। इसे मिटटी और कंकड़ से इसलिए बनाया गया, ताकि तीर एवं तलवारों के आक्रमण से देश की रक्षा हो सके। वर्ष 1987 में इसे युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया था। इस दीवार के बारे में खास बात यह है कि यह इतनी चौड़ी है कि इस पर एक साथ पांच घोड़े या 10 पैदल सैनिक चल सकते हैं।
विश्व के सात अजूबे अलग-अलग देशों में स्थित हैं। पर्यटकों के बीच यह आकर्षण का केंद्र हैं। ये सात अजूबे- ताजमहल (भारत), चीचेन इट्ज़ा (मेक्सिको), क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा (ब्राजील), कोलोसियम (इटली), चीन की विशाल दीवार (चीन), माचू पिच्चू (पेरू) तथा पेत्रा (जॉर्डन) हैं।
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