जयपुर- राज्य सरकार ने (Rajasthan Government) प्रदेश में शुरू की गई राजस्थान सरकार चिकित्सा योजना में प्रदेश में ज्यूडिशियल सर्विस में सेवानिवृत्त कार्मिकों को चिकित्सा सेवा लेने की अनिवार्यता को आगामी आदेश तक समाप्त कर दिया है। इस संबंध में वित्त विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।
बता दें कि वित्त विभाग की ओर से 9 अप्रैल को एक आदेश जारी कर इस योजना में ज्यूडिशियल सर्विस (Judicial Service) को भी शामिल किया था। अब इस आदेश में संशोधन करते हुए इस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारियों लिए पूर्व निर्धारित राजस्थान ज्यूडिशियल ऑफिसर्स मेडिकल फेसिलिटी रूल्स 2008 के तहत चिकित्सा सुविधा देना तय किया गया है। यह सुविधा आगामी आदेश तक जारी रहेगी।
राज्य सरकार ने आरजीएचएस (RGHS) को मंत्री, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी, विधायक, पूर्व विधायक, राज्य सेवा के अधिकारी और कार्मिकों, पेशनर्स के लिए इस सेवा के तहत चिकित्सा सेवा अनिवार्य की है। यह सेवा आमजन के लिए भी लागू की गई है, वे भी इस कैशलेस सेवा का लाभ ले सकेंगे।
आपको बता दें कि राज्य सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में कैशलेस हैल्थ स्कीम के रूप में आरजीएचएस शुरू की गई है। इसके तहत मरीज को इनडोर चिकित्सा व्यय, डे केयर (Day Care) की विशिष्ठ सेवा, आउटडोर चिकित्सा, जांच व अन्य सेवा निशुल्क दी जाएगी। इसके तहत आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी पद्धति से चिकित्सा भी मिलेगी।
आदेशानुसार, अब प्रदेश में विभिन्न सेवाओं के लिए संचालित मेडिकल नियमों को भी इस योजना के तहत शामिल कर लिया गया है। इसमें राजस्थान मिनिस्टरर्स मेडिकल अटेंडेंस रूल्स 1961, ऑल इंडिया सर्विस मेडिकल अटेडेंस रूल्स 1954, राजस्थान लेजिस्लेटिव असेंबली मेंबर्स मेडिकल फेसिलिट रूल्स 1964, राजस्थान लेजिस्लेटिव एक्स असेंबली मेंबर्स एण्ड फेमेली मेंबर्स मेडिकल फेसिलिट रूल्स 2010, राजस्थान सिविल सर्विस मेडिकल अटेंडेंस रूल्स 2013, राजस्थान स्टेट पेंशनर्स मेडिकल कंसेशंस स्कीम 2021 को इसमें शामिल किया गया है।
प्रदेश की स्वायत्तशासी संस्थाएं, बोर्ड, कॉर्पोरेशन जो भी किसी इस सेवा को लागू करने के लिए आवेदन करते हैं, उनके अधिकारियों और कार्मिकों को भी आरजीएचएस के तहत निशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलेगा।