जयपुर- प्रदेश में कोविड (Covid-12) के संक्रमण के दौरान कार्यरत राजकीय कार्मिकों की मौत के बाद अब भी उनके आश्रितों को सहायता राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इस मामले में सोमवार को हुई बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने खासी नाराजगी जाहिर करते हुए विभागों को तुरंत प्रभाव से इन मामलों के निस्तारण के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, राजकीय सेवा से संबद्ध कोविड मृतक कार्मिकों के आश्रितों को सहायता राशि उपलब्ध करवाने के संबंध में सोमवार को सचिवालय में समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में गृह, शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, स्वायत्त शासन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नागरिक सुरक्षा, सूचना एवं जनसम्पर्क, राजस्व, आरएसआरडीसी लिमिटेड, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा, ऊर्जा तथा चिकित्सा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. पृथ्वी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड से मृतक राजकीय कार्मिकों के आश्रितों को सहायता राशि दिलवाने के बकाया मामलों में सहानुभूतिपूर्वक विचार करें। उन्होंनेे कहा कि ये सभी कार्मिक सीधे तौर पर कोविड प्रबंधन से जुड़े हुए थे और उन्होंने लोगों को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए राजकीय कर्त्तव्य का पालन किया। अब हमारा फर्ज बनता है कि हम उनके आश्रितों को सहायता राशि दिलवाए।
सचिव ने बताया कि राज्य में राजकीय सेवा से संबद्ध 309 कोविड से मृतक कार्मिकों के आश्रितों को 154.50 करोड़ रुपए की सहायता राशि दिलवाई जा चुकी है। राजकीय सेवा से संबद्ध कोविड से मृतक के आश्रितों को 50-50 लाख रुपए की सहायता राशि सरकार की ओर से प्रदान की जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग से संबद्ध 177 कार्मिकों, पुलिस के 44, माध्यमिक शिक्षा के 38, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के 28, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के 4, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के 1, नागरिक सुरक्षा के 1, प्रारम्भिक शिक्षा के 3 और पंचायत राज विभाग के 13 कोविड मृतक आश्रितों को सहायता राशि जारी की जा चुकी है।
सचिव ने कहा कि बकाया प्रकरणों में जहां दस्तावेजों की औपचारिकता बाकी है, वहां संबंधित विभाग आगे बढ़कर दस्तावेजों को पूरा करवाए और मृतक के आश्रितों को राहत प्रदान करें। उन्होंने आगामी 10 दिवस में इस तरह के बकाया प्रकरणों का निस्तारण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।