बेधड़क।जयपुर: भारतीय प्रशासनिक सेवा 2004 बैच के राजस्थान कैडर के अफसर अंबरीश कुमार पांच साल के डेपुटेशन पर ईशा फाउंडेशन में समाज सेवा के लिए एक योगी की तरह जीवन बिता रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से उन्हें डेपुटेशन पर जाने के लिए अनुमति दी गई थी। अंबरीश कुमार ने डेपुटेशन पर जाने के लिए आवेदन किया तो सरकार ने उनके विजन और मिशन को देखकर तुरंत उन्हें परमिशन दे दी थी।
जग्गी वासुदेव का ईशा फाउंडेशन दुिनया के कई देशों में कॉमन मैन का जीवन स्तर सुधारने और स्प्रिचुअल पाॅवर से लाइफ स्टाइल बदलने पर काम करता है। 2004 बैच के आईएएस अंबरीश कुमार के डेपुटेशन को स्वीकृित मिली तो जुलाई 2020 से वे ईशा फाउंडेशन की विंग ईशा आउटरीच में बतौर प्रोजेक्ट डायरेक्टर तमिलनाडू के काेयम्बटूर में काम रहे हैं। अंबरीश की वर्किंग और लाइफ स्टाइल में आजकल योगी जैसी झलक दिख रही है।
राजस्थान के आईएएस अधिकारी अंबरीश कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल का बायो लिखा है Wannabe yogi. साथ ही प्रोफाइल पिक्चर भी मंदिर के बाहर खड़े साधु स्टाइल वाली लगाई।
आईएएस अधिकारी और ईशा फाउंडेशन में डेपुटेशन, सुनकर अजीब लग रहा होगा ना। लेकिन सरकार इस तरह के प्रस्तावों को मंजूरी देती रहती है। कई मामलों में पहले भी मंजूरी मिली हैं। राजस्थान में यह पहला मामला है, जब किसी अफसर को इस तरह से प्राइवेट सेक्टर में जाने का मौका दिया गया है। अन्य स्टेट्स में ताे कुछ अफसरों के प्राइवेट सेक्टर में जाने के उदाहरण सामने आए थे, लेिकन राजस्थान से अंबरीश कुमार पहले केस बताए जाते हैं। ऑल इंडिया सर्विस रूल्स में इस तरह के प्रावधान हैं। ईशा फाउंडेशन को संयुक्त राष्ट्र में विशेष सलाहकार का दर्जा मिला है। ईशा के सोशल ईनिसिएटिव, ‘ईशा आउटरीच’ ने पर्यावरण, शैक्षिक तथा सामुदायिक पुनरुद्धार और स्वास्थ्य से जुड़े कई काम किए हैं।
ISHA OUTREACH एक पंजीकृत गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) है जो पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन के प्रबंधन, स्वास्थ्य और पोषण, HIV / AIDS, ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन, खेल आदि के क्षेत्र में िवकास को बढ़ावा देने की दिशा में वर्ष 2009 से काम करता है।