ट्रेन में बीड़ी पी तो खैर नहीं! कश लगाते ही बज जाएगा अलार्म

अक्सर ट्रेनों में प्रतिबंध के बावजूद कई लोग चोरी-छुपे सिगरेट पीने लगते हैं। कई बार तो ऐसे लोगों को मना करने पर झगड़े तक की…

Smoke detector devices In train

अक्सर ट्रेनों में प्रतिबंध के बावजूद कई लोग चोरी-छुपे सिगरेट पीने लगते हैं। कई बार तो ऐसे लोगों को मना करने पर झगड़े तक की नौबत आ जाती है। ऐसे में अब रेलवे ने ट्रेन में स्मोक डिटेक्टर डिवाइस लगा रही है। कई ट्रेनों को इस सुविधा से लैस भी कर दिया है। अब जयपुर रेल मंडल की ट्रेनों में भी ये डिवाइस लगाने का इंतजाम किया जा रहा है।

लिंक हॉफमैन बुश कोच में लगेंगे डिवाइस

किशनगढ़ रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों के लिंक हॉफमैन बुश कोचेज में इसे लगाने की तैयारी की जा रही है। इन कोचेज में ये अलार्म लगाए जाएंगे। इससे कोई व्यक्ति इन कोचेज की किसी भी कोने, किसी भी जगह जाकर अगर स्मोकिंग करता है तो तुरंत ये अलार्म बज जाएगा और तुरंत ये पता चल जाएगा कि इस जगह पर कोई धूम्रपान कर रहा है।

अभी वंदे भारत में ही लगे हैं ये डिटेक्टर

इस समय ये डिटेक्टर अजमेर से दिल्ली से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के कोच में लगाए जा रहे हैं। अब रेलवे ने उत्तर पश्चिम रेलवे को ये अलार्म लिंक हॉफमैन बुश कोचेज में लगाने के लिए उपलब्ध कराए हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे के पास 115 एलएचबी कोचेस हैं। रेलवे ने 86 स्मोक डिटेक्टकर डिवाइस अब तक उत्तर पश्चिम रेलवे को इन कोचेज में लगाने के लिए दी हैं।

उत्तर पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण ने बताया कि रेलवे के एलएचबी कोच में ये स्मोक डिटेक्टर डिवाइस लगाए जाएंगे। जहां-जहां ये डिवाइस लगाई जाएंगी उन जगहों को चिह्नित कर लिया गया है। अभी तक ये डिवाइस वंदे भारत ट्रेन में लगाई गई हैं। अब ये एलएचबी कोचेज में भी लगाई जाएंगी।

क्या है लिंक हॉफमैन बुश कोच

लिंक हॉफमैन कोच माइल्ड स्टील का बना होता है। ये कोच अब कपूरथला में बनते हैं। साल 2002 में भारत इस तकनीक को जापान से लाया था। एलएचबी कोच वजन में हल्का होता है। इनकी पहचान में हम कोच के रंग से कर सकते हैं। अब कई ट्रेनों में आप नीले की जगह अधिकतर लाल रंग की कोच देखते हैं। वही कोच एचएलबी कोच होते हैं। वहीं जो नीले रंग के डिब्बे होते हैं, वो आईसीएफ कोच होते हैं। ये कोच स्टेनलेस स्टील से बनते हैं इसलिए ये वजन में बेहद भारी होते हैं, .ये इनका निर्माण चेन्नई में होता है। कई ट्रेन दुर्घटनाएं इसी कोच के चलते हुई हैं। इसलिए अब बारत सरकार इन कोचेज को बंद कर सभी ट्रेनों में एसएचबी कोचेज लगा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *