चाकसू में 15 मार्च को भरेगा मेला, शीतला अष्टमी पर हर वर्ष की जाती है माता की पूजा 

जयपुर। चाकसू में हर वर्ष शीतलाअष्टमी के अवसर पर लक्खी मेला भरता है। इस बार यह मेला 15 मार्च को लगेगा। जिसमें पूरे राज्य से…

A fair will be held in Chaksu on March 15, every year on Sheetla Ashtami, worship of Goddess is done

जयपुर। चाकसू में हर वर्ष शीतलाअष्टमी के अवसर पर लक्खी मेला भरता है। इस बार यह मेला 15 मार्च को लगेगा। जिसमें पूरे राज्य से लोग माता के दर्शन करने आएंगे। राजधानी जयुपर से 40 किलोमीटर दूर चाकसू में एक पहाड़ी पर माता का मंदिर स्थित है। यहां हर वर्ष शीतलाअष्टमी पर मेला लगता है। इस मेले (chaksu shilta mata mela ) को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। बता दें कि 14 मार्च शाम से मेला लगना शुरू हो जाएगा, जो कि 15 मार्च तक रहेगा।  

चैत्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है यह त्योहार 

शीतला अष्टमी का त्योहार चैत्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को बासेड़ा के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस दिन बासी भोजन करने का विधान है। यह त्योहार (chaksu shilta mata mela) होली से 8 दिन के बाद आता है। महिलाएं इस दिन का व्रत करती है और माता शीतला का विधि विधान से पूजा करती है। इस बार होली 8 मार्च को थी इसलिए 15 मार्च को शीतला अष्टमी मनाई जाएगी।

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संतान की सेहत के लिए रखा जाता है व्रत 

मान्यता है कि शीतला अष्टमी का व्रत संतान की सेहत के लिए किया जाता है। संतान की लंबी उम्र के लिए भी महिलाएं यह व्रत रखती हैं। चाकसू की शीतला माता को चेचक और खसरा रोगों से (chaksu shilta mata mela) बच्चों को बचाने वाली देवी के रूप में जाना जाता है। माता की पूजा के लिए एक दिन पहले भोजन बना लिया जाता है। अगले दिन महिलाएं माता शीतला की पूजा कर भोग लगाती है।

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