संजीवनी घोटाले पर रार: CM गहलोत की एक के बाद एक 5 पोस्ट, बोले-दोषियों को दिलाएंगे सजा

संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मामले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है।

Ashok Gehlot | Sach Bedhadak

जयपुर। संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मामले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री गहलोत ने इस मामले में बुधवार को सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पांच पोस्ट में अप्रत्यक्ष रूप से शेखावत पर निशाना साधा। गहलोत ने पोस्ट में संजीवनी सोसाइटी में अपनी सारी जमा पूंजी गंवा चुके पीड़ितों के वीडियो भी साझा किए। गहलोत ने लिखा कि संजीवनी घोटाले के धनलोलुपों ने बुजुर्ग, महिला व दिव्यांग किसी को भी नहीं बक्शा। इस विपदा को हम समझते हैं। सरकार नीति अनुरूप घोटाले में संलिप्त लोगों को सजा दिलाएगी। उन्होंने लिखा कि नफा और राहत के नाम पर लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाकर संजीवनी में खेला गया जालसाजी का खेल परत-दर-परत सामने आ रहा है। लोगों को राहत के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी।

इधर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने सोमवार को राजस्थान के गहलोत के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि केस में बयान दर्ज कराए। शेखावत ने कोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि मूल चार्जशीट या एसओजी की ओर से पेश दो सप्लीमेंट्री चार्जशीट्स में से किसी में भी मुझे दोषी नहीं माना गया है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने बात करते हुए मुझे अभियुक्त करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने न सिर्फ मुझे, बल्कि मेरे परिवारजनों को भी अभियुक्त कहा।

21 फरवरी को सारी हदें पार करते हुए मुख्यमंत्री ने मुझे, मेरी पत्नी, मेरे पिता और मेरी दिवंगत माता, सबके खिलाफ जुर्म प्रमाणित हो गया है, ऐसा वक्तव्य दिया है। शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार को मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के प्रकरणों की जांच तुरंत सीबीआई को सौंपनी चाहिए, ताकि सक्षम न्यायालय उनकी संपत्तियों को अटैच करने के बाद उनको बेचकर लोगों के पैसे का भुगतान कर सके।

घोटाले से जुड़े हर शख्स को भेजेंगे जेल

गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि संजीवनी घोटाले के बेइमानी के पूरे तानाबाने को पीड़ितों की आपबीती बता रही है। सरकार संजीवनी घोटाले में शामिल हर शख्स को जेल पहुंचाएगी। लोगों ने घर के पैसे भी संजीवनी में लगा दिए। अब पीड़ितों को रात दिन धमकी दी जाती है। ये व्यथा हर उस एजेंट की है जिसने संजीवनी के जिम्मेदारों पर विश्वास किया और अपने व्यवहार के भरोसे अन्य लोगों से भी निवेश कराया।

आज न सिर्फ उनका आत्मसम्मान चोटिल है, बल्कि वे भयभीत भी हैं। प्रदेश सरकार उनके निर्भय और सम्माजनक जीवन के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने लिखा, हम आपके आंसू व दर्द को समझ सकते हैं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि न्याय की इस लड़ाई में प्रदेश सरकार पीड़ितों के साथ हर कदम रहेगी।

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