Rajasthan: जल्द आएगी 27 कांग्रेस जिला अध्यक्षों की लिस्ट, जयपुर से रेस में पुष्पेंद्र भारद्वाज

दिल्ली में 26 मई को राजस्थान के मसले पर दिल्ली में होने वाली अहम बैठक में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों का रास्ता साफ हो सकता है.

dotasara | Sach Bedhadak

जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले गहलोत सरकार लगातार रिपीट का दावा कर रही है जिसके लिए खुद सीएम अशोक गहलोत ने महंगाई राहत कैंप के जरिए मोर्चा संभाल रखा है. इसके अलावा कांग्रेस 2023 के लिए गहलोत मॉडल पर आगे बढ़ रही है लेकिन संगठन के कई पेंच अभी ढीले हैं जिनका असर चुनावों में देखा जा सकता है. दरअसल चुनावों में सत्ता और संगठन दोनों की अहम भूमिका होती है लेकिन राजस्थान कांग्रेस में 2020 में सचिन पायलट की बगावत के दौरान भंग की गई राज्य कार्यकारिणी का दोबारा गठन नहीं हो पाया है.

बता दें कि पिछले करीब 3 साल से राज्य संगठन में खाली चल रहे 27 जिलों में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई है जहां उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के बाद से लगातार यह बताया गया कि जल्द ही खाली पदों को भरा जाएगा. इस बीच अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है जहां बताया जा रहा है कि 26 मई को राजस्थान को लेकर दिल्ली में होने वाली अहम बैठक में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों का रास्ता साफ हो सकता है.

मालूम हो कि राजस्थान में चुनावों से पहले पिछले काफी समय से कांग्रेस संगठन में होने वाली नियुक्तियों को लेकर चर्चा हो रही है लेकिन लिस्ट जारी नहीं हो पा रही है. बताया जा रहा है कि जिला अध्यक्षों के नाम पर मुहर लगाकर आलाकमान के पास नाम भेजे जा चुके हैं और अब दिल्ली से नामों का ऐलान होना है.

27 जिलों में नियुक्त होंगे सेनापति

सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि कांग्रेस की 26 मई को राजस्थान को लेकर होने वाली दिल्ली की अहम बैठक के बाद जिला अध्यक्षों पर सस्पेंस खत्म हो सकता है. जानकारी के मुताबिक आलाकमान के पास नामों की लिस्ट कई दिनों से पेडिंग पड़ी है.

इधर बताया जा रहा है कि करीब दो दर्जन अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं जहां जयपुर शहर में पुष्पेन्द्र भारद्वाज का नाम आगे चल रहा है. इसके अलावा झुंझुनूं से दिनेश सुंडा, हनुमानगढ़ से सुरेंद्र दादरी को जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है. इसके अलावा माना जा रहा है कि दिल्ली की 26 मई की बैठक के बाद पीसीसी कार्यकारिणी विस्तार होने के साथ ही यूआईटी चेयरमैन और अन्य विभाग, प्रकोष्ठ और संगठनों में नियुक्तियों का रास्ता साफ होगा.

(इनपुट- दिनेश डांगी)

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