बिजली उपभोक्ताओं को अगले महीने से लगेगा झटका, 150 से 600 रुपए तक बढ़ेगा बिजली का बिल

जयपुर। सर्दी की विदाई के साथ ही गर्मी बढ़ने वाली है। गर्मियां शुरू होते ही राजस्थान की जनता पर महंगाई की मार पड़ने वाली है।…

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जयपुर। सर्दी की विदाई के साथ ही गर्मी बढ़ने वाली है। गर्मियां शुरू होते ही राजस्थान की जनता पर महंगाई की मार पड़ने वाली है। जी हां, प्रदेश में जल्द ही बिजली बिलों में बढ़ोत्तरी होने वाली है। अगर बिजली बिल में बढ़ोत्तरी होगी तो इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। दरअसल, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL) ने एक बार फिर कोयला खरीद के नाम पर एक बार फिर बिजली उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज का बोझ डाल दिया गया है। इसमें राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (आरईआरसी) से मिली मंजूरी का इसका हवाला दिया गया है। सुत्रों के अनुसार, उपभोक्ताओं को अगले माह में जारी होने वाले बिजली बिलों में 31 पैसे प्रति यूनिट राशि अतिरिक्त देनी होगी। बता दें कि पहले से ही बिजली बिलों 12 पैसे प्रति यूनिट की वसूली की जा रही है। वहीं अब 19 पैसे प्रति यूनिट का नया भार जोड़ा गया है।

562 करोड़ रुपये फ्यूल सरचार्ज के नाम वसूलेंगी बिजली कंपनियां…

सुत्रों के अनुसार, तीनों डिस्कॉम कंपनियां जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL), जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JDVVNL) और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL) फ्यूल सरचार्ज के नाम पर करीब 562 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं से वसूली करेंगी। डिस्कॉम कंपनियां अगर ऐसा करती है तो प्रति उपभोक्ता बिजली बिल में 150 से 600 रुपये तक अतिरिक्त भार जुड़कर आएगा। डिस्कॉम्स ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इनसे कृषि और 100 यूनिट तक फ्री बिजली पाने उपभोक्ता शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में गहलोत सरकार ने बजट- 2023 में सब्सिडी दे रही है। मौजूदा कांग्रेस सरकार में फ्यूल सरचार्ज के रूप में अब तक बिल में औसतन 35 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त भार आ चुका है।

पिछले चार सालों में फ्यूल सरचार्ज पर उपभोक्ताओं से वसूली…

प्रदेश में पिछले चार सालों में बिजली कंपनियों ने फ्यूल सरचार्ज पर अधिकतम 55 पैसे और न्यूनतम 7 पैसे प्रति यूनिट की उपभोक्ताओं से वसूली की। साल 2019 में जनवरी से मार्च तक 37 पैसे प्रति यूनिट की वसूली की। इसके बाद अप्रैल से जून तक 55 पैसे प्रति यूनिट से वसूली की गई। वहीं साल 2019 में जुलाई से सितंबर तक 27 पैसे प्रति यूनिट की वसूली की गई। 2019 में अक्टूबर से दिसंबर तक 39 पैसे प्रति यूनिट से वसूल किए। इसके बाद 2020 की शुरूआत में जनवरी से मार्च तक 30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से उपभोक्ताओं से वसूल किए गए। अप्रैल से जून 2020 में 28 पैसे प्रति यूनिट, जुलाई से सितंबर में शून्य (0), अक्टूबर से दिसंबर 2020 में 7 पैसे प्रति यूनिट, जनवरी से मार्च 2021 में 16 पैसे प्रति यूनिट, अप्रैल से जून 2021 में 33 पैसे प्रति यूनिट, जुलाई से सितंबर 2021 में 24 पैसे प्रति यूनिट, अक्टूबर से दिसंबर 2021 में 21 पैसे प्रति यूनिट, जनवरी से मार्च 2022 में 12 पैसे प्रति यूनिट, अप्रैल से जून 2022 में 19 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से उपभोक्ताओं से वसूल किए।

क्या होता है फ्यूल सरचार्ज ?

राजस्थान की बिजली कंपनियां बिजली सप्लाई के लिए अलग-अलग सोर्सेज से RERC की ओर से तय और वैरिएबल कॉस्ट की प्राइज पर बिजली खरीदता है। कमीशन की ओर से तय रेट्स पर बिजली कन्ज्यूमर्स की कैटेगरी के हिसाब से चार्ज की वसूली की जाती है। फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी, टैक्स और सरचार्ज की रेट में बदलाव, रेल और मालभाड़े में बढ़ोतरी के कारण बिजली प्रोडक्शन की रेट में बदलाव होता है। अलग-अलग बिजली प्रोडक्शन सेंटर्स या पावर प्लांट से वास्तविक प्रोडक्शन लागत के मुताबिक बिजली की वैरिएबल कॉस्ट बाद में मिलती है। इसकी वसूली बिजली उपभोक्ताओं से बाद में की जाती है।

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