राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी चिकित्सक आज मनाएंगे काला दिवस

प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए राइट टू हेल्थ बिल विधानसभा में पारित हो गया, लेकिन बिल के विरोध में उतरे निजी अस्पतालों का आंदोलन आज भी जारी रहेगा।

right to health bill01 | Sach Bedhadak

जयपुर। प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए राइट टू हेल्थ बिल विधानसभा में पारित हो गया, लेकिन बिल के विरोध में उतरे निजी अस्पतालों का आंदोलन आज भी जारी रहेगा। इस कारण से निजी अस्पतालों में आरजीएचएस और चिरंजीवी सहित सरकारी योजनाओं में मरीजों को फ्री इलाज नहीं मिलेगा।

ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रवक्ता डॉ.संजीव गुप्ता ने बताया कि बुधवार को सभी निजी अस्पताल बंद रहेंगे और इमरजेंसी में भी इलाज नहीं मिलेगा। आईएमए राजस्थान के अध्यक्ष डा. सुनील चुग ने कहा कि राज्य के चिकित्सकों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में बंद जारी रहेगा।

राज्यपाल से की मुलाकात

बिल पारित होने के बाद चिकित्सकों का एक दल राज्यपाल से भी मिला और ज्ञापन सौंपा। प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि बिल पारित हो चुका है और अब गजट नोटिफिके शन के लिए राज्यपाल के पास जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने गवर्नर कलराज मिश्र से मुलाकात की है और बिल को लागू नहीं करने की मांग रखी है। राज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया है कि उनकी कोशिश होगी कि बिल को लागू नहीं किया जाए।

डॉक्टर्स रात को सर्किल पर ही डटे रहे और पूरी रात वहीं बिताई

बिल के विरोध में सोमवार सुबह विधानसभा घेराव के लिए निकले चिकित्सक संगठनों को पुलिस ने स्टेच्यू सर्किल पर रोक दिया था। इस दौरान पुलिस ने झड़प के बाद डॉक्टर्स पर लाठीचार्ज किया था, जिसके विरोध में डॉक्टर्स रात को सर्किल पर ही डटे रहे और पूरी रात यहीं बिताई। इसके बाद मंगलवार सुबह से फिर सर्किल पर हंगामा शुरू हो गया। डॉक्टर्स ने पहले रास्ता जाम किया। जिससे वाहनों की कतार लग गई। बिल पास होने के बाद ढोल, नगाड़े, झुनझुने लेकर बिल का विरोध किया। मंगलवार को भी डॉक्टर्स ने विधानसभा की ओर कूच करने का प्रयास किया। डॉक्टर्स ने सर्किल पर बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस से फिर उनकी झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर्स को रोकने के लिए वाटर कै नन चलाकर उन्हें तितर-बितर किया। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स ने शाम को पुलिस को गिरफ्तारी दी और अपना प्रदर्शन समाप्त किया।

सरकारी में असर नहीं

मंगलवार को रेजिडेंट्स ने कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया था, लेकिन एसएमएस मेडिकल कॉलेज में आंदोलन का कोई असर नहीं दिखा। सीनियर व रेजिडेंट्स ने मरीजों को संभाला। हालांकि, सर्किल पर आंदोलन में एसएमएस कॉलेज के कु छ डॉक्टर्स जरूर नजर आए, जिनमें डॉ. पुनीत सक्सेना, डॉ. पवन सिंघल, डॉ धनंजय अग्रवाल सहित गिने चुने रेजिडेंट दिखे।

ये संगठन भी उतरे विरोध में

अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला व डॉ.दुर्गाशंकर सैनी ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर आंदोलन की चेतावनी दी है। लाठी चार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की। जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. अनुराग शर्मा ने कहा कि सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल चिकित्सकों पर थोप दिया गया है। इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सर्वेश्वर शर्मा वोट की राजनीति के चलते बिल पास हुआ हैं।

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