सिकरोरा तिहरा हत्याकांड का मुख्य आरोपी अरेस्ट, पुलिस की गाड़ी पलटने से बदमाश के हाथ-पैर टूटे

जिले के बहुचर्चित सिकरोरा तिहरा मर्डर केस में भरतपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।

image 16 | Sach Bedhadak

भरतपुर। जिले के बहुचर्चित सिकरोरा तिहरा मर्डर केस में भरतपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने सिकरोरा में हुए तिहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी ईनामी बदमाश लाखन उर्फ चंद्रमोहन गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन, जब पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर कुम्हेर ला रही थी तो रास्ते में सड़क हादसा हो गया। इस हादसे में बदमाश के हाथ-पैर टूट गए। जिसे घायल अवस्था में भरतपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, सुरक्षा के लिहाज से पूरा अस्पताल छावनी में तब्दिल हो गया है। अस्पताल में जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं, ताकि आरोपी पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब ना हो सके।

जानकारी के मुताबिक पुलिस को सिकरोरा तिहरा हत्याकांड के मुख्य आरोपी लाखन उर्फ चंद्रमोहन की काफी दिनों से तलाश थी। आखिरकार देर रात पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। कुम्हेर थाना पुलिस सोमवार तड़के जब आरोपी को पकड़कर ला रही थी, तभी रास्ते में पुलिस की गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में आरोपी के हाथ-पैर में फ्रैक्चर हो गया। हालांकि, गनीमत रही कि पुलिसवालों के खंरोच तक नहीं आई। पुलिस ने मुख्य आरोपी को घायल हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।

पुलिस की गिरफ्त में मुख्य आरोपी का पिता और पत्नी

कुम्हेर थाना पुलिस के मुताबिक सिकरोरा गांव में पिछले साल 27 नवंबर की रात मुख्य आरोपी लाखन ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक परिवार पर अंधाधुंध फायरिंग कर 3 सगे भाईयों को मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने जघन्य हत्याकांड के मुख्य आरोपी लाखन, नीरज और मनीष पांच-पांच हजार का इनाम घोषित किया था। पुलिस अब तक तीनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, मुख्य अभियुक्त लाखन उर्फ इन्द्रमोहन का पिता हरीसिंह, मां महेन्द्री, पत्नी संतोष और सहयोगी जयदेव उर्फ बनिया को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त लाखन की बेटी को भी निरुद्ध किया था। अभी पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर शेष आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

ये था पूरा मामला

भरतपुर जिले में कुम्हेर थाना क्षेत्र के सिकरोरा गांव में मुख्य आरोपी लाखन और पुलिसकर्मी गजेंद्र के बेटे टेनपाल की दोस्ती थी। लेकिन, किसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा हो गया और दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। इसके बाद लाखन व उसके पिता ने टेनपाल के पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। पिछले साल 27 नवंबर की रात मुख्य आरोपी लाखन अपने दर्जनों साथियों के साथ टेनपाल के घर पर पहुंचे। यहां आते ही आरोपियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी।

गोली लगने से टेनपाल के पिता गजेंद्र और ताऊ ईश्वर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, ताऊ समंदर ने उपचार के लिए अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। फायरिंग में गजेंद्र का बेटा टेनपाल, उसकी पत्नी रवीना और बहन माया घायल हो गई थी। इस संबंध में मृतक ईश्वर सिंह के बेटे रामनिवास ने कुम्हेर थाने में लाखन सहित दर्जनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

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