Jaisalmer: इस गांव में बसेंगे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों के नए आशियाने, टीना डाबी ने निभाया अपना वादा

जैसलमेर में हिंदू शरणार्थियों को फिर से बसाने के लिए नगर विकास न्यास ने मूल सागर गांव में 40 बीघा जमीन को चिह्नित किया है.

tina dabi | Sach Bedhadak

जैसलमेर: राजस्थान के पाकिस्तान सीमा से सटे इलाके जैसलमेर में हाल में अतिक्रमण के नाम पर चला सरकारी बुलडोजर काफी चर्चा में रहा जहां पाकिस्तान से आए सैकड़ों हिंदू शरणार्थियों के घरों को जमींदोज कर दिया गया था. शरणार्थियों के आशियानों पर बुलडोजर चलने के बाद सैकड़ों की तादाद में लोग बेघर हो गए थे जिनके लिए अब एक सुखद खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक जैसलमेर प्रशासन बेघर हुए हिंदू शरणार्थियों को फिर से बसाने जा रही है जिसके लिए कलेक्टर टीना डाबी ने अपना किया वादा निभाया है. बता दें कि शरणार्थियों को फिर से घर देने के लिए अब नगर विकास न्यास की ओर से मूल सागर गांव में 40 बीघा जमीन को चिह्नित किया गया है जिसके बाद उन्हें घर देने की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकती है.

मालूम हो कि जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद विवादों में घिर गई थी और उन्हें चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा था. इसके बाद डाबी ने पीड़ित परिवारों को फिर से बसाने के लिए 7 दिन के अंदर जमीन ढूंढने के आदेश जारी किए थे. वहीं शरणार्थियों के बेघर होने के मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया था जहां बीजेपी और खुद सरकार के मंत्री भी जैसलमेर प्रशासन पर हमलावर मोड में दिखाई दिए.

40 बीघा जमीन पर बनेंगे घर!

जानकारी के मुताबिक जैसलमेर नगर विकास न्यास के सचिव जगदीश आशिया का कहना है कि जैसलमेर जिला कलेक्टर टीना डाबी के आदेशों का पालन समय के भीतर किया गया है और मूल सागर गांव में करीब 40 बीघा जमीन को चिह्नित किया गया है. इधर सोमवार को जमीन मिलने की सूचना मिलते ही मूल सागर गांव में जश्न का माहौल देखा गया जहां हिंदू शरणार्थियों ने मिठाई बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया. बताया जा रहा है कि जिस जगह को चिह्नित किया गया है वहां जेसीबी और रोड रोलर से जमीन को समतल करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

16 मई को चला था बुलडोजर

गौरतलब है कि 16 मई को यूआईटी अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन ने अमरसागर क्षेत्र में यूआईटी से संबंधित भूमि से प्रवासी हिंदुओं को बेदखल कर दिया था जिसके बाद जिला कलेक्टर टीना डाबी ने दावा करते हुए कहा कि अमरसागर इलाके में अतिक्रमण कर वहां लोग रह रहे थे. इसके बाग विस्थापित हिंदुओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया और बीजेपी नेताओं ने जमकर हमला बोला. वहीं डाबी ने इस मामले में 7 दिनों के भीतर बेघर हुए लोगों के पुनर्वास के लिए भूमि की पहचान करने के लिए एक समिति का गठन किया था.

इसके अलावा डाबी ने आगे बताया कि अब तक अमरसागर से हटाए गए चार परिवारों को मूलसागर में जमीन दी जा चुकी है और आगे कमेटी जिला प्रशासन को सूची देगी जिसके बाद जिन परिवारों के पास लंबी अवधि का वीजा और नागरिकता हासिल कर रखी है उन्हें जमीन देने की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी. डाबी ने कहा कि जिनके पास नागरिकता होगी उन्हें जमीन का लीज डीड दिया जाएगा. वहीं यूआईटी सचिव जगदीश आशिया ने बताया कि मूलसागर में 40 बीघा जमीन पर 250 परिवारों को बसाने की योजना है.

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