स्वास्थ्य मंत्री बोले राइट टू हेल्थ बिल जनता के हित में, यह पास होना चाहिए 

जयपुर। स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि “राइट टू हैल्थ’ बिल राजस्थान की जनता के हित में है, यह पास होना चाहिए। उन्होंने…

parsadi lal meena02 | Sach Bedhadak

जयपुर। स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि “राइट टू हैल्थ’ बिल राजस्थान की जनता के हित में है, यह पास होना चाहिए। उन्होंने इस पर सदन से एक राय बनाने का आग्रह किया। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राइट टू हेल्थ के अंतर्गत इमरजेंसी में इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। शुक्रवार को विधानसभा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब देते हुए मीणा ने ऐलान किया कि प्रदेश में 75 जनता क्लीनिक शुरू किए जा चुके हैं तथा जहां भी भवन उपलब्ध होगा वहां 1 अप्रेल तक जनता क्लीनिक शुरू कर दिए जाएंगे। 

मीणा के जवाब के बाद सदन ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की 101 अरब 74 करोड़ 40 लाख तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की 49 अरब 7 करोड़ 40 लाख 89 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी। इससे पहले हुई चर्चा में सत्ता और प्रतिपक्ष दोनों तरफ के सदस्यों की तरफ से चिकित्सा व्यवस्था में सुधार और खामियों को लेकर अपने विचार रखे। मंत्री मीणा ने कहा कि छोटे शहरों के अस्पतालों में डॉक्टरों को रात को हर हाल में रहना होगा। अस्ताल में रात को डॉक्टर नहीं मिला तो सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ के खिलाफ एक्शन होगा। 

(Also Read- गुलाबी नगरी में फरवरी में रही पावणों की बहार, डेढ़ लाख लोग आए घूमने)

मीणा ने कहा कि हम सीएमएचओ और ब्लॉक सीएमएचओ को पाबंद कर रहे हैं कि रात को 12 बजे भी अस्पताल में डॉक्टर मिलेगा, नहीं मिलेगा तो सीएमएचओ और ब्लॉक सीएमएचओ को रवाना कर देंगे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान मॉडल स्टेट है। देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक 7 प्रतिशत बजट राजस्थान में खर्च हो रहा है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के माध्यम से प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को ऐसा विस्तार दिया है कि आमजन को मंहगे इलाज की चिंता से हमेशा के लिए मुक्ति मिल गई है। 

वर्ष 2024-25 तक सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज

मीणा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज खोलने का निर्णय लिया। वर्ष 2024-25 तक सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। सरकार जालोर, प्रतापगढ़ और राजसमंद में अपने खर्च से मेडिकल कॉलेज खोलेगी। साथ ही, प्रत्येक जिले में नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहा है। 25 नर्सिंग कॉलजों का कार्य शुरू भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 1002 नए सब सेंटर खोले हैं। 

इन सेन्टर्स पर 50 प्रकार की दवाइयां एवं 10 प्रकार की जांचें उपलब्ध हैं। मीणा ने कहा कि नेशनल फैमेली हैल्थ (2015-16) में राजस्थान की शिशु मृत्युदर 41.3 थी जो कि राष्ट्रीय औसत 40.7 से अधिक थी। राज्य सरकार के गंभीर प्रयासों से इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई है। शिशु मृत्युदर घटकर 30.3 रह गई है जो कि राष्ट्रीय औसत 35.2 से काफी बेहतर है। 

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत लिए कुल 14 हजार 51 नमूने 

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार मिलावट के विरूद्ध सख्ती से कार्य कर रही है। प्रदेश में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत कुल 14 हजार 51 नमूने लिए गए हैं। इनमें से 3770 नमूने अमानक पाए गए। इस अवधि में 3088 प्रकरणों के चालान सम्बन्धित न्यायालयों में प्रस्तुत किए गए। न्यायालयों द्वारा 2165 प्रकरणों में निर्णय कर लगभग 8.48 करोड़ राशि का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में खाद्य पदार्थों के नमूने लेने के लिए विभाग द्वारा मोबाइल वेन संचालित की जाएगी जिससे मिलावट पर प्रभावी अंकुश लगेगा।

(Also Read- बीजेपी में आज राजनीतिक हलचल का दिन, वसुंधरा राजे सालासर में मनाएंगी जन्मदिन, जश्न में शामिल होंगे अरुण सिंह)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *