राजस्थान की महिलाओं के लिए खुशखबरी, 1 अप्रैल से रोडवेज बसों में लगेगा आधा किराया, महिला दिवस पर फ्री सफर

गहलोत सरकार ने राजस्थान की महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश की महिलाओं को अब रोडवेज बसों में आधा किराया देना होगा।

Rajasthan Roadways | Sach Bedhadak

जयपुर। गहलोत सरकार ने राजस्थान की महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश की महिलाओं को अब रोडवेज बसों में आधा किराया देना होगा। यह व्यवस्था एक अप्रैल से लागू होगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2023-24 के बजट में छूट बढ़ाने के संबंध में घोषणा की थी। सीएम गहलोत ने राज्य में रोडवेज की साधारण बसों के किराए में महिलाओं को मिलने वाली छूट को 30 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था। इस प्रस्ताव को अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंजूरी दे दी है।
एक अप्रैल से मिलेगी छूट

यह छूट राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) की बसों में रहेगी। यह सुविधा राजस्थान की सीमा में राजस्थान रोडवेज की समस्त साधारण एवं द्रुतगामी बसों में मिलेगी। यह छूट एक अप्रैल, 2023 से लागू की जाएगी। साथ ही साधारण बसों की अतिरिक्त शेष श्रेणी की बसों में महिलाओं को 30 प्रतिशत छूट यथावत रहेगी। इस निर्णय से राज्य सरकार पर लगभग 3.50 करोड़ का अतिरिक्त वार्षिक वित्तीय भार आएगा।

राजस्थान रोडवेज के एमडी नथमल डिडेल ने बताया कि गहलोत सरकार की बजट घोषणा से रोडवेज में महिलाओं का सफर आसान होगा। एक मार्च को जारी किए गए प्रदेश सरकार के मुताबिक राजस्थान रोडवेज की किसी भी साधारण श्रेणी की बस में महिलाओं का आधा किराया लगेगा। वहीं, लग्जरी श्रेणी की रोडवेज बसों में महिलाओं को 30 प्रतिशत ही छूट मिलेगी। यह छूट भी सिर्फ राजस्थान के अंदर ही मिलेगी। इधर, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने गहलोत सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि छूट के नाम पर महिलाओं के साथ छल किया गया है। अगर छूट देनी ही तो सभी श्रेणियों की बसों में 50 फीसदी देनी चाहिए थी। कुछ बसों में 50 फीसदी और कुछ बसों में 30 फीसदी छूट महिलाओं के साथ धोखा है।

महिला दिवस पर रोडवेज बसों में फ्री सफर

वहीं, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (आठ मार्च, 2023 ) पर राजस्थान में महिलाएं एवं बालिकाएं रोडवेज की बसों में निशुल्क सफर कर सकेंगी। फ्री सफर की सुविधा 7 मार्च रात 12 बजे से मिलेगी और 8 मार्च रात 11.59 बजे तक जनरेट होने वाली टिकटों पर मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य में लगभग 8.50 लाख महिलाओं एवं बालिकाओं के बसों में यात्रा करने का अनुमान है। इस पर लगभग 7.50 करोड़ का वित्तीय भार अनुमानित है।

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