नौकरी के नाम पर ऐंठे 9 लाख : 45 दिन तक वाराणसी के रेलवे दफ्तर किया काम, अफसरों ने डॉक्यूमेंट चेक किए तो खुली पोल

सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी के मामले तो आए दिन सामने आते रहते है। लेकिन, राजधानी जयपुर में नौकरी के नाम पर ठगी एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे।

fraud01 | Sach Bedhadak

Railway Job Fraud : जयपुर। सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी के मामले तो आए दिन सामने आते रहते है। लेकिन, राजधानी जयपुर में नौकरी के नाम पर ठगी एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। रेलवे में नौकरी लगाने और ट्रेनिंग के नाम पर आरोपियों ने झुंझुनूं निवासी युवक से 9 लाख रुपए ऐंठ लिए। इतना ही नहीं उसे नौकरी भी ज्वाइन करा दी। इसके बाद युवक करीब 45 दिन तक यूपी के वाराणसी में नौकरी करता रहा। लेकिन, रेलवे अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। आखिरकार, जब पोल खुली तो युवक को ठगी का पता चला। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने युवक के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया और उसे वापस राजस्थान भेज दिया। इसके बाद युवक ने जयपुर पहुंचकर बनीपार्क पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक आरोपी फरार है।

झुंझुनूं जिले के लाडसर निवासी प्रतीक चौधरी पुत्र इन्द्रपाल सिंह ने मामला दर्ज कराया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए साल 2016 से वह जयपुर आता-जाता रहा है। मई, 2019 में जब वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए जयपुर आया तो कलेक्ट्रेट सर्किल स्थित केन्डल थीम गार्डन में उसकी मुलाकात ओ. थारमर नामक व्यक्ति से हुई। जिसने बताया कि वह और उसका पार्टनर दोनों एक्स सर्विस मैन है और डिफेंस से रिटायर्ड है। हमनें चेन्नई के उसीलामपट्‌ट में एक ट्रेनिंग इंस्टीटयूड डाल रखा है। जिसमें युवाओं को सरकारी और आर्मी की नौकरी के लिए ट्रेनिंग करवाते है। साथ ही उसने कहा कि सरकारी महकमों में भी हमारी अच्छी जान पहचान है। कुछ राशि तो खर्च करोगे तो तुम्हारी सरकारी नौकरी लगवा देंगे।

7 दिन तक आरोपी ने चेन्नई में दी ट्रेनिंग

करीब 15 दिन बाद ही मैं अपने पिता को साथ लेकर वापस जयपुर आया और थारमर से मिला, जो चिंकारा कैंटिंग के पास बनीपार्क में एक होटल में ठहरा हुआ था। उसने रेलवे में नौकरी के नाम पर 12 लाख रुपए मांगे। लेकिन, मिन्नतें करने के बाद वो 9 लाख रुपए लेने पर राजी हो गया। इसके बाद एक लाख रुपए आरोपी को नकद दे दिए। 27 मई 2019 को वह मुझे अपने साथ उसीलामपट्टी स्थित अपने ट्रेनिंग सेंटर पर ले गया और कई बड़े-बड़े लोगों से मिलवाया। उसने कहा कि ये लोग सरकारी विभागों में बड़े-बड़े अधिकारी है। करीब सात दिन रूकने के बाद मैं वापस राजस्थान आ गया।

रेलवे के ऑफिस में कई अधिकारियों से भी मिलवाया

पीड़ित ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन बाद आरोपी को फिर फोन आया। उसने कहा कि उसे यूपी के वाराणसी में रेलवे में नौकरी लगवा रहा है। साथ ही एक व्यक्ति से बात करवाई, जिसके हाथ में वाराणसी में रेलवे विभाग का जिम्मा था। इसके बाद उसके खाते में चार लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए और आरोपी थारमर के अकाउंट में 2 लाख रुपए डाले। इसके बाद यूपी बुलाया। वहां पर आरोपी मुझे रेलवे विभाग के दफ्तर में ले गया और कई अधिकारियों से मिलवाया। आरोपी ने सालभर के अंदर नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया। आरोपी ने यह कहते हुए वापस भेज दिया कि अभी तुम कागजों में ट्रेनिंग ले रहे हो। मार्च, 2020 में लॉकडाउन लग गया। लेकिन, जून, 2021 में आरोपी ने मुझे तुरंत वाराणसी आने के लिए कहा। 4 जून 2021 को जब वाराणसी पहुंचा तो आरोपी मुझे रेलवे विभाग के दफ्तर में ले गया। जहां पर कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। इसके बाद 11 जून को मेडिकल के बाद ईस्ट सेंटर रेलवे, वाराणसी डिवीजन का आई कार्ड दे दिया। साथ ही शेष 2 लाख रुपए मांगे। जिस पर तीनों लोगों के खातों में 1 लाख 20 हजार रुपए जमा कराए और 80 हजार रुपए आरोपी को कैश दिए।

फर्जी दस्तावेज देख रेलवे अधिकारी भी चौंका

पूरे 9 लाख रुपए लेने के बाद आरोपी ने मुझे वाराणसी के रेलवे कार्यालय में नौकरी लगवा दी। यहां करीब 45 दिनों तक रोजाना काम किया। हाजिरी भी उपस्थिति रजिस्टर में निरन्तर होती रही। एक महीना होने पर वेतन नहीं मिला तो ओ. थारमर और उसके साथी उच्च अधिकारी से बात की। जिस पर उन्होंने कहा कि अभी ज्वॉनिंग हुई है, इसलिए वेतन आने में 5-10 दिन लगेंगे। इसी दौरान आरोपी ने जिस उच्च अधिकारी से मिलवाया उसने भी काम पर आना बंद कर दिया। एक दिन जब मैं ऑफिस में बैठकर काम कर रहा था तो एक व्यक्ति मेरे पास आया और कार्य करने से संबंधित बात की। उसे मैंने अपना अपोइंटमेंट लेटर सहित संबंधित दस्तावेज दिखाए।

मेरे डॉक्यूमेंट्स चेक करने वाला रेलवे में अधिकारी था, जो दस्तावेज देखकर चौंक गया कि आखिर आप इतने दिनों तक यहां कैसे काम रहे हो। उसने बताया कि ये सभी दस्तावेज फर्जी है। हालांकि, उन्होंने मेरे ऊपर कोई कार्यवाही नहीं करते हुए मुझे वापस भेज दिया। ठगी का अहसास होने पर मैंने आरोपी को फोन किया तो उसका मोबाइल बंद आ रहा है। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

ये खबर भी पढ़ें:-PM Modi Rajasthan Visit : सुरक्षा के खास इंतजाम, ये रहेगी ट्रैफिक व्यवस्था, इन जगहों पर पार्किंग की सुविधा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *