ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा, राजकीय कार्मिकों को गोद लेना होगा गांव

जयपुर। चुनावी साल में राज्य की कांग्रेस सरकार अपनी समस्त फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ गांव के अन्तिम छोर पर बैठे पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के…

Discussion on grant demands of Rural Development and Panchayati Raj Department, Government personnel will have to adopt village

जयपुर। चुनावी साल में राज्य की कांग्रेस सरकार अपनी समस्त फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ गांव के अन्तिम छोर पर बैठे पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए एक गांव, एक अधिकारी अभियान शुरू करेगी। इस अभियान में विभाग का अधिकारी व कर्मचारी एक गांव को गोद लेगा और उस गांव के पात्र परिवार को फ्लैगशिप योजनाओं से लाभान्वित करवाने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी व कर्मचारी की होगी। प्रदेश अब तक जिला कलेक्टर और राजनेताओं को गांव गोद लेने की परंपरा रही है।  

गुरुवार को विधानसभा में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब देते हुए पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने इस नई योजना का ऐलान किया। मीणा के जवाब के बाद सदन ने ग्रामीण विकास विभाग की 51 अरब 26 करोड़ 48 लाख 62 हजार रुपए एवं पंचायती राज विभाग की 90 अरब 78 करोड़ 47 लाख 86 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।

मीणा ने बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को और संबल देते हुए 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने पर 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार दिया जा रहा है। इसके लिए 750 करोड़ का प्रावधान राज्य मद से किया गया है और इस योजना को अब स्थाई भी कर दिया गया है। योजना में अब तक राज्य में 3 लाख 14 हजार परिवारों को 100 दिवस का पूर्ण रोजगार मिल चुका है। 

3 हजार हैक्टेयर भूमि में चारागाह का होगा विकास

मीणा ने बताया कि मनरेगा में मानव दिवस सृजन करने में पिछले वर्ष राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा है और इस वर्ष भी अभी तक प्रथम स्थान पर ही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में लगभग 3 हजार हैक्टेयर भूमि में चारागाह विकास के कार्य करवाए जाएंगे। इन कार्यों पर महात्मा गांधी नरेगा योजना मद से लगभग 600 करोड़ का व्यय किया जाएगा। योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 500 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कराया जाएगा। इन कार्यों पर लगभग 40 करोड़ रुपए का व्यय होगा।

दो लाख जल संग्रहण एवं संरक्षण के कार्य

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि आगामी वर्ष में राजीव गांधी जल संचय योजना में लगभग 2630 करोड़ रुपए के 2 लाख जल संग्रहण एवं संरक्षण के कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2 हजार हेक्टेयर बंजर भूमि में चारागाह एवं उद्यानिकी कार्य संपादित कर राज्य के लगभग 5 हजार गांवों की 20 लाख हेक्टेयर भूमि को उपचारित किया जाएगा। लगभग 73 हजार कृषकों के खेतों में टांके, 17 हजार कृषकों के फार्म पौण्ड तथा लगभग 2 हजार किसानों के खेतों में ड्रिप स्प्रिंकलर पाइपलाइन लगाकर लाभान्वित किया जाएगा। परियोजना क्षेत्र में लगभग 46 हजार एनीकट, पक्का चौक डैम, मिनी परकोलेशन टैंक आदि संरचनाओ का निर्माण कराया जाएगा। 

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