वीरांगनाओं के देवर को नौकरी क्यों नहीं ? भाजपा बोली- जब सरकार के नियमों में ही नहीं तो उनके मंत्रियों ने सार्वजनिक घोषणा कैसे की ?

जयपुर। वीरांगनाओं के समर्थन में आज प्रदेश भाजपा जयपुर में हल्ला बोल रही है। भाजपा मुख्यालय से सिविल लाइंस की ओर कूच करते हुए भाजपा…

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जयपुर। वीरांगनाओं के समर्थन में आज प्रदेश भाजपा जयपुर में हल्ला बोल रही है। भाजपा मुख्यालय से सिविल लाइंस की ओर कूच करते हुए भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़ समेत भाजपा के कई नेता हिरासत में ले लिए गए। इधर किरोडी लाल मीणा अभी भी SMS अस्पताल में भर्ती हैं। जहां उनका इलाज जारी है। आज उनसे मिलने के लिए खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी पहुंचे। उन्होंने वहां जाकर उनका हालचाल लिया।

प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम सब किरोड़ी लाल मीणा का सम्मान करते हैं, वह जनता के मुद्दों को उठाते हैं लेकिन भाजपा इस मामले पर राजनीति कर रही है, जब यह मामला उठा तो भाजपा अपने रोल में आई। खाचरियावास ने कहा कि मैंने किरोड़ी लाल मीणा की कॉलर पकड़ी हुई जो फोटो देखी वह बेहद गलत था। जो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आया। हम सभी उनका सम्मान करते हैं, वे एक वरिष्ठ नेता हैं। यह मुद्दा भाजपा बनाम कांग्रेस का नहीं है।

खाचरियावास ने कहा कि हमारी सरकार शहीदों के परिवार के साथ है लेकिन भाजपा इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। जरूर उन्हें उनके केंद्रीय नेतृत्व से इस तरह का काम करने के आदेश मिले होंगे।

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हिरासत में ले जा चुके सतीश पूनिया ने पुलिस की गाड़ी में बैठकर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान पुलिस ने हमारे वरिष्ठ नेताओं और पुलवामा अटैक के शहीदों की पत्नियों का अपमान किया है। जिसका हम विरोध कर रहे हैं। आने वाले दिनों में राजस्थान में जन आक्रोश अभियान चलाया जाएगा। जहां हम किसानों की कर्ज माफी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाएंगे।

दूसरी तरफ पुलवामा अटैक में शहीद हुए जीतराम की पत्नी और वीरांगना सुंदरी देवी ने मीडिया से कहा कि जब हमारे पति की शहादत हुई तब मंत्रियों ने हमारे बच्चों के लिए और हमारे लिए कई बड़ी-बड़ी घोषणा की थी लेकिन इस बात को 4 साल हो गए। हम मंत्रियों और मुख्यमंत्री को मेरे देवर के लिए नौकरी और जीतराम के नाम के नाम पर एक कॉलेज के लिए पत्र ही लिखते रहे लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि वीरांगनाओं से इस सरकार के मंत्रियों ने वादा किया और फिर मुंह मोड़ लिया। 4 साल तक उनकी सुध नहीं ली। अब जब वे उनकी की हुई घोषणाओं को पूरा करने की मांग कर रही हैं तो उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किया जाता है, उनका अपमान किया जाता है और जब उन विधवाओं को किरोड़ी लाल मीणा देखने जा रहे थे। तब उन्हें रोककर राजस्थान पुलिस ने उन्हें मारा है, पीटा है जो कि सरकार के अलोकतांत्रिक साधनों का प्रतीक है।

राठौड़ ने कहा कि हम इसका विरोध करते हैं अगर सरकार यही कारण गिना रही है कि नौकरी की नियुक्ति देवर को नहीं दी जानी चाहिए वह अधिकार बच्चों का है तो फिर मुझे यह बताइए कि सरकार के मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से यह घोषणा क्यों की, कि बच्चे छोटे हैं नियुक्ति देवर को दे दी जाएगी।

सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़ समेत कई नेता-कार्यकर्ता हिरासत में

बता दें कि प्रदर्शन के दौरान भाजपा के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया जिसमें सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़ और अशोक लाहोटी भी शामिल हैं। प्रदर्शन में सिविल लाइंस कि और कूच करते समय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में पुलिस से धक्का-मुक्की और झड़प तक हुई।

बैरिकेडिंग पर चढ़कर पार करते वक्त पूनिया के पैर में लगी चोट

इस प्रदर्शन में कई नेताओं कार्यकर्ताओं को चोटें भी आई हैं। सतीश पूनिया तो बैरिकेडिंग पर चढ़कर आगे बढ़ने की कोशिश भी करते दिखाई दिए। चढ़कर कूदने के दौरान उनके पैर में चोट आई है तो मदन दिलावर की तबीयत भी खराब हो गई। राजेंद्र राठौड़, रामलाल शर्मा समेत कई नेता बैरिकेडिंग पर चढ़कर उसे पार करते हुए दिखाई दिए।

बड़े-बड़े नेता विरोध प्रदर्शन में शामिल

बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, सांसद ओमप्रकाश माथुर, उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, सांसद घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, विधायक कन्हैया लाल चौधरी, विधायक रामलाल शर्मा, अशोक लाहोटी, रामस्वरूप लाम्बा, अनिता भदेल, जितेंद्र गोठवाल, जितेन्द्र मीणा, अशोक सैनी, ज्ञानदेव आहूजा समेत अन्य कई नेता शामिल हैं।

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