फिर बदला मौसम का मिजाज: एक और नया वेदर सिस्टम एक्टिव, राजधानी जयपुर सहित कई जगह झमाझम बारिश, ओले भी गिरे

एक और नया वेदर सिस्टम एक्टिव होने से रविवार को भी प्रदेशभर में मौसम का मिजाज बदला हुआ है।

rain | Sach Bedhadak

जयपुर। एक और नया वेदर सिस्टम एक्टिव होने से रविवार को भी प्रदेशभर में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। जिसके चलते राजधानी जयपुर सहित दौसा, अलवर, सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी, कोटा, झुंझुनू, सीकर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और बारां जिले सहित आसपास के क्षेत्रों में आकाशीय बिजली के साथ बारिश का दौर जारी है। वहीं, राजधानी जयपुर में शाम होते ही मौसम ने अचानक करवट ली।

जयपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में बादल छाने के साथ तेज हवाएं चलनी शुरू हो गईं। इसके बाद करीब 10 मिनट तक रिमझिम बारिश हुई। सी-स्कीम, सिविल लाइंस, सोडाला, रामबाग, बाइस गोदाम, सहकार मार्ग, टोंक रोड, रिद्धि सिद्धि, गोपालपुरा, त्रिवेणी नगर सहित आसपास के इलाकों में झमाझम बारिश हुई। जयपुर के कई ग्रामीण इलाकों में बारिश के साथ ओले भी गिरे। बारिश से तापमान में गिरावट आ गई। वहीं, मौसम सुहावना होने से लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली।

23 मार्च से एक और नया पश्चिमी विक्षोभ होगा सक्रिय

मौसम के मुताबिक प्रदेश में मौसम का कहर अभी जारी रहेगा। एक और नए पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होने से आज जोधपुर, उदयपुर, कोटा , जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 20 मार्च को जोधपुर व बीकानेर संभाग के कुछ आंधी बारिश में कमी होगी हालांकि पूर्वी राजस्थान के उदयपुर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर व कोटा संभाग के अधिकांश भागों में तीव्र आंधी, बारिश, तेज हवाएं व कहीं-कहीं ओलावृष्टि जारी रहने की प्रबल संभावना है। 21 और 22 मार्च को आंधी बारिश की गतिविधियों में कुछ कमी व केवल छुटपुट स्थानों पर हल्की बारिश संभव है। 23 मार्च से एक और नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। 23 और 24 मार्च को पुनः आंधी बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।

4 दिन तक बारिश और ओलावृष्टि ने बरपाया था कहर

इससे पहले 16 मार्च को सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ ने चार दिन तक प्रदेशभर में जमकर कहर बरपाया था। प्रदेशभर में चार दिन तक जमकर बारिश और ओलावृष्टि हुई थी। वहीं, कई जगह आकाशीय बिजली गिरने से 7 से ज्यादा किसानों की मौत हो गई थी और एक दर्जन से ज्यादा लोग बुरी तरह झुलस गए थे। बिजली गिरने से दो दर्जन से ज्यादा पशुओं की भी मौत हो गई थी। किसानों की फसलें भी पूरी तरह नष्ट हो गई थी। बता दे कि 15 मार्च को दौसा जिले के सिकराय में 6 एमएम, अलवर के राजगढ़ और भरतपुर-धौलपुर में 5- 5 एमएम, मंडावर-बसवा में 4- 4 तथा सैंथल में 3 एमएम बारिश हुई थी।

16 मार्च को शाहपुरा में हुई थी सबसे ज्यादा बारिश

वहीं, 16 मार्च से राजस्थान के दक्षिणी हिस्से उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, सिरोही, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ के हिस्सों में बारिश हुई थी। वहीं, जयपुर के शाहपुरा में सर्वाधिक 44एमएम बारिश दर्ज की गई थी। 17 मार्च को जयपुर के अलावा कोटा, झुंझुनूं, सीकर, टोंक, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जोधपुर, नागौर, पाली, अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, झालावाड़ और श्रीगंगानगर में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई थी। 18 मार्च को बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक और बीकानेर जिले में मेघगर्जन के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई थी और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थी।

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