रेप मामले में रिहा हुए 87 वर्षीय पूर्व विधायक का जेल से वापस आने पर जोरदार स्वागत, आरोपों को बताया राजनीति से प्रेरित

दुष्कर्म के मामले में जेल भेजे गए 87 वर्षीय पूर्व भाजपा विधायक भंवरलाल राजपुरोहित अपनी रिहाई के बाद आज सेंटर जेल से बाहर आए, तो…

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दुष्कर्म के मामले में जेल भेजे गए 87 वर्षीय पूर्व भाजपा विधायक भंवरलाल राजपुरोहित अपनी रिहाई के बाद आज सेंटर जेल से बाहर आए, तो उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने माला पहनाई जमकर पटाखे फोड़े। भंवर लाल राजपुरोहित ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जिसमें उन्होंने खुद पर लगाए गए सभी आरोपों को झूठा करार दिया और कहा कि राजनीतिक द्वेषता के चलते मुझ पर यह आरोप लगे लेकिन मेरा ज्यूडिशरी पर पूरा विश्वास है उन्होंने मुझे निर्दोष पाते हुए रिहा कर दिया।

राजनीतिक द्वेषता में लगाए गए आरोप

भंवर लाल राजपुरोहित ने कहा कि मैं नागौर का नॉन जाट कार्यकर्ता रहा हूं। मेरी जनता के बीच पहुंच और मेरा वर्चस्व देखकर राजनीतिक द्वेषता के चलते मुझ पर यह रेप झूठे आरोप लगाए गए और एक नहीं कई आरोप लगाए गए। उन्होंने सभी आरोपों को गिनाते हुए कहा कि हर केस में मुझे गलत तरीके से फंसाया गया। लेकिन फिर भी मेरे खिलाफ यह लोग कोई सबूत पेश नहीं कर पाए क्योंकि मैं बिल्कुल निर्दोष हूं।

केस लड़ने को कोई वकील नहीं इसलिए रिहा !

दरअसल भंवर लाल राजपुरोहित को कल राजस्थान हाई कोर्ट ने जेल से रिहा करने के आदेश सुनाये गए। उन्हें मकराना कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ भंवर लाल राजपुरोहित राजस्थान हाई कोर्ट जहां उनकी जमानत देते हुए सजा को स्थगित कर दिया गया। क्योंकि विधायक पूर्व विधायक के खिलाफ पैरवी करने के लिए वहां पर कोई भी वकील नहीं था। सारे वकील एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर के महापंचायत में थे। ऐसे में विधायक पूर्व विधायक की पैरवी उनके ही बेटे ने की थी।

भंवरलाल के बेटे और दामाद ने की थी पैरवी

भंवरलाल के बेटे दीपेंद्र सिंह राजपुरोहित और दामाद मधुसूदन सिंह राजपुरोहित ने पैरवी करते हुए कोर्ट में कहा कि जिस महिला ने 7 महीने पहले इन पर रेप का मामला दर्ज कराया था पुलिस के उच्चाधिकारियों ने इसकी जांच की थी जिस पर पुलिस ने एफआर लगा दी थी।उन्होंने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताया बता दें कि इस सुनवाई के दौरान जिस महिला ने रेप का आरोप लगाया वह और उसकी मां भी मौजूद थे।

2002 का है मामला

बता दें कि यह मामला साल 2002 का है तब भंवर लाल राजपुरोहित पर मलाणा गांव की रहने वाली एक महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था, लेकिन भंवरलाल के राजनीतिक रसूख के चलते पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही थी इस पर अदालत में इस्तगासा के जरिए केस दर्ज करवाया गया। जिस समय पीड़िता ने भंवरलाल पर रेप का आरोप लगाया था उस समय उसकी उम्र 22 साल की थी और जब भंवरलाल को रिहाई मिली तब उसकी उम्र करीब 43 साल की है। इस मामले में मकराना की एडीजे कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट के आदेश के बाद भंवरलाल राजपुरोहित को गिरफ्तार कर लिया था और जेल भेज दिया गया था।

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