बेधड़क,राजकुमार शर्मा | ध्वनि प्रदूषण या कहें कोलाहल के मामले में जयपुर देश के पांच सबसे खतरनाक हालात वाले शहरों में पहुंच गया। दुनिया में बांग्लादेश का ढाका और देश में मुरादाबाद सबसे अधिक शोर वाला शहर है, जबकि जयपुर के हालात दिल्ली से भी अधिक में खतरनाक हैं। ध्वनि प्रदूषण में भारत के टॉप पांच शहरों में जयपुर चौथे नंबर पर और दिल्ली पांचवें नंबर पर है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की नई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण के तमाम दावों की पोल खोल दी। मतलब यह है कि ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए जयपुर में बरसों से चली आ रही मुहिम बेकार निकली। कभी शादी समारोह में भी अचानक शोर की जांच करने पहुंचने वाली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीमें अब सुस्त हो चुकी हैं। जयपुर में बारात में माइक-स्पीकर की जगह सिर्फ बैंड बज रहा था, लेकिन अब शादी समारोह स्थलों पर भी देर रात तक डीजे बजने लगे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तय मापदंडों के आधार पर शोर की सीमा बाहरी आवासीय क्षेत्रों के लिए 55 डीबी और कॉमर्शियल इलाकों के लिए 70 डीबी है। इनमें वे इलाके भी शामिल हैं, जहां ट्रैफिक का शोर शामिल होता है
सामाजिक एवं सांस्कृतिक जुलूसों और समारोह में ध्वनि विस्तारकों के जरिए भी ध्वनि प्रदूषण फैल रहा है। इससे बुजुर्ग, बीमार व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और विद्यार्थियों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वातावरण को शांत बनाए रखने के लिए पुलिस कमिश्नर को देर रात तक बजने वाले डीजे और ट्रैफिक पुलिस को अनावश्यक हाॅर्न बजाने वालों पर फिर से एक्शन शुरू करना होगा।
जयपुर में पुलिस से मिलीभगत कर कुछ इलाके में रात 10 बजे बाद प्रतिबंध के बावजूद डीजे धड़ल्ले से बज रहे हैं। और तो और, शहर में 100 से अधिक डिस्को बार खुले हुए हैं।
ध्वनि विस्तारक यंत्र (डीजे सहित सभी ध्वनि विस्तारक यंत्र) का उपयोग करने के लिए संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट या पुलिस उपायुक्त की पूर्वानुमति लेनी अनिवार्य करनी होगी। किस भी हाल में रात 10 बजे से सवेरे 6 बजे के बीच यह स्वीकृति नहीं दी जाए। बिना अनुमति के डीजे वाले वाहन या फिर ऐसे क्लब, डिस्को और पब में पहुंच जब्ती और सील करने की कार्रवाई हो।
ध्वनि प्रदूषण को लेकर जयपुर जिले में सख्ती बरतने के आदेश तीन साल पहले जारी किए गए थे। राजस्थान ध्वनि नियंत्रण अधिनियम 1963 की धारा 5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण जयपुर जिले में (शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों सहित) सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक जुलूस एवं समारोह तथा आमजन को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में डीजे सहित सभी ध्वनि विस्तारक यंत्रों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अब ये आदेश ताक में रखे हैं। खूब डीजे बज रहे हैं, कोई रोकने टोकने वाला नहीं।
जयपुर में नॉइज पॉल्यूशन का खतरा बढ़ना गंभीर विषय है। रात 10 बजे बाद म्यूजिक और अनावश्यक हाॅर्न बजाने वालों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ाई जाएगी।
-हैदर अली जैदी, एडिशनल कमिश्नर, जयपुर पुलिस
जयपुर में 84 डेसीबल (डीबी) शोर पाया गया। दिल्ली में 83 डीबी, कोलकाता व आसनसोल में 89 डीबी और मुरादाबाद में 114 डीबी दर्ज किया गया है। भारत के सबसे अधिक शोर वाले पांच शहरों में मुरादाबाद सबसे अधिक कोलाहल वाला शहर है। हैरान करने वाली बात कि जयपुर के सर्वाधिक शोर वाले देश पांच शहरों में शामिल होने की है। नाॅइज पॉल्यूशन के मामले में दिल्ली से ज्यादा खतरा जयपुर में हैं। भारत के इन पांच शहरों की लिस्ट में मुरादाबाद, बंगाल के दो शहर कोलकाता और आसनसोल जयपुर और दिल्ली शामिल हैं।
(Reporter :- राजकुमार शर्मा)