Lumpy Virus: जयपुर- राजस्थान ‘लंपी स्किन डिजीज’ तेजी से दुधारू पशुओं का अपनी चपेट में ले रहा है। इसका शिकार ज्यादातर गोवंश ही है। 17 जिलों के पशुओं में यह चर्म रोग फैला है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गुरुवार तक प्रदेश में 5807 पशुओं की मौत हो चुकी है वहीं अब तक प्रदेश में 1 लाख 20 हजार से अधिक पशु संक्रमित हो चुके हैं। जयपुर में 282 पशु संक्रमित हो चुके है, वहीं 9 की मौत हो चुकी है। हिंगोनिया गोशाला में अब तक 80 गोवंश संक्रमित हैं।
दुधारू पशुओं के बीच तेजी से फैल रहे इस वायरस को लेकर लोगों में भी चिंता बढ़ रही है। लोग जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह वायरस इंसानों में भी फैल सकता है, क्योंकि दूध सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला पेय है। यह मामला लोकसभा में भी उठा। केन्द्र ने कहा कि राजस्थान से मदद का प्रस्ताव को नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जारी बयान में कहा कि यह वायरस अत्यंत संक्रामक है, पशुपालकों से सावधान रहना होगा। राज्य सरकार इसकी रोकथाम व बचाव के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। सहयोग की अपील करते हुए गहलोत ने कहा, ‘गाेशाला संचालक, जनप्रतिनिधि एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करता हूं कि इस मौके पर सहयोग प्रदान करें।
पॉलिक्लिनिक निदेशक डॉ. जितेंद्र राजोरिया और एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.रमन शर्मा ने बताया कि लम्पी एक वायरल डिजीज है, जो मच्छर और कीड़ों के काटने, संक्रमित पशुओं के सम्पर्क में आने से होती है। दुधारू पशुओं का दूध तेजी से कम होता है व वे दूध देना बंद कर देते हैं। ऐसे पशु के संपर्क में आने से इंसानों में इसका संक्रमण नहीं फैलता।
डॉ. राजोरिया ने बताया अभी तक ऐसी कोई पुष्टि नहीं हुई है कि संक्रमित पशु के दूध में लम्पी वायरस पाया गया है। वैसे, दूध में कई बैक्टीरिया हो सकते हैं। अत: संक्रमित पशु के दूध को उबालकर ही सेवन करना चाहिए। डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि लम्पी जैसा कोई वायरस इंसानों में नहीं होता। इसका इंसानों में फैलने का ऐसा कोई मामला नहीं आया है।
लाेकसभा में झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह के पूरक प्रश्न के जवाब में डेरी एवं पशुपालन राज्यमंत्री ने बताया कि गेट फाउंडेशन की ओर से एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत गोट पॉक्स वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत केंद्र से 60 प्रतिशत राशि का प्रावधान है, शेष 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकारों को देना होता है। राजस्थान सरकार यदि इस संबंध में प्रस्ताव दे तो केंद्र मदद के लिए तैयार है।
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