राजस्थान बायोफ्यूल प्राधिकरण का रिश्वतखोर सीईओ सुरेंद्र सिंह राठौड़ के खिलाफ पिछले दिनों 20 लाख के नोट जलाने की जानकारी एसीबी तक पहुंचीं। एसीबी उससे पूछताछ कर चुकी, लेकिन वह इतना शातिर है कि कुछ भी उगल नहीं रहा। एसीबी रेड का डर उसे पहले से ही सता रहा था। उसे शक था कि कभी भी जयपुर एसीबी उस तक पहुंच सकती है। इसीलिए पिछले माह उसने रिश्वत में लिए 20 लाख रुपए को आग लगा दी। कुछ दिन तो वह डरा रहा, फिर कोई नहीं आया तो उसने 20 लाख के जले नोटों को दलाल के जरिए जले हुए नोट वापस भेज दिए और उसकी भरपाई के लिए दोबारा घूस मांगी, लेकिन इस इस बार वह एसीबी के ट्रैप में फंस गया।
घूसखोर सीईओ राठौड़ से पूछताछ में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। उसे डर था कि एसीबी उसके पीछे है, वह फिर भी खुलेआम रिश्वत लेता था। एसीबी को सुरेंद्र राठौड़ के खिलाफ अन्य कई मामलकी शिकायतें मिली हैं। इनमें से आठ लोग ऐसे हैं, जिनके मोटी रकम सुरेंद्र राठौड़ को दी थी। उनके खिलाफ शिकायतें मिली हैं, कुछ अमाउंट बैंक अकाउंट में आने का पता चला है। रिश्वत लेना और देना दोंनों अपराध हैं। ऐसे में एसीबी तैयारी कर रही है कि रिश्वत देने वाले अन्य लोगों को भी रिश्वत देने का आरोपी बनाकर बनाकर उनक खिलाफ एक्शन लिया जाए।
एसीबी सूत्र बताते हैं कि जले हुए नोट लेकर पहुंचे सुरेंद्र के दलाल ने बताया कि साहब ने एसीबी के डर से नोट जला दिए थे। इसलिए उसे राशि दोबारा से देनी होगी। दोबारा रकम के लिए दबाव बनाया। वह परेशान हो गया और एसीबी तक शिकायत लेकर पहुंच गया। एसीबी ने आरोपी को 5 लाख की पहली किश्त लेते हुए गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के दिन एसीबी पहले सीईओ सुरेंद्र सिंह का मेडिकल कराने एसएमएस अस्पताल लेकर गई, जहां पर डॉक्टरों ने जांच कर एसीबी के सुपुर्द कर दिया। एसीबी आने तक सुरेंद्र सिंह स्वस्थ था। अचानक से रात को तबीयत खराब होने पर एसीबी उसे लेकर एसएमएस पहुंची, जहां डॉक्टरों ने जांच कर घबराहट कारण बताया। इसके बाद दवा देकर दोबारा रवाना कर दिया। जिसके बाद वह रिमांड के दौरान एसीबी के सामने रोने लगा।
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