जयपुर: राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल तथा आईआईटी कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर शहर में 40 अलग अलग स्थानों पर लो कॉस्ट सैन्सर्स स्थापित किए गए हैं। इससे न केवल शहर में प्रदूषण के हॉट स्पॉट के बारे में पता चलेगा, बल्कि उस स्थान विशेष पर प्रदूषण के कारणों की भी मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती वीनू गुप्ता ने सोमवार को मण्डल कार्यालय में जयपुर शहर में लो कॉस्ट सेंसर नेटवर्क और इसके मोबाइल एप को लॉन्च किया। उन्होंने बताया कि इन सेंसर्स से प्राप्त डेटा वेब पोर्टल और मोबाइल एप के माध्यम से आमजन को भी उपलब्ध होगा। इस डेटा को नियमित रूप से संबंधित विभागों को भी भेजा जाएगा, ताकि सभी के समन्वय से शहर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपयुक्त निर्णय लिए जा सकेंगे और दीर्घ कालिक विकास के लक्ष्य के पूरा किया जा सकेगा।
श्रीमती गुप्ता ने कहा कि वायु प्रदूषण राज्य में ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया में चिंता का विषय है। इससे होने वाली बीमारियों और मौतों का आंकड़ा चिंताजनक है। राज्य में लगभग 21 प्रतिशत मौतों का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कारण वायु प्रदूषण है। उन्होंने कहा कि समुचित मॉनिटरिंग से प्रदूषण पर नियंत्रण में अधिक प्रभावी तरीके से काम किया जा सकेगा। उन्होंने जानकारी दी कि जयपुर में 5 जगहों, यादगार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल क्षेत्रीय कार्यालय वीकेआई, सचिवालय, सांगानेर एयरपोर्ट तथा प्रदूषण नियंत्रण मण्डल कार्यालय परिसर झालाना में सेंसर्स के साथ डिसप्ले बोर्ड भी स्थापित किये जाएंगे। इन बोर्ड्स पर धूल कण, सूक्ष्म धूल कण, एवं वायु गुणवत्ता सूचकांक आमजन के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम करने में आमजन की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण है और इसके लिए उनमें जागरूकता लाया जाना आवश्यक है।
इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. एस एन त्रिपाठी (Dr. S.N. TRIPATHI) ने बताया कि आईआईटी कानपुर (IIT KANPUR) द्वारा एरिक्सन इंडिया के वित्तीय सहयोग से लार्ज स्केल मल्टी सिटी डेन्स अरबन आईओटी रीयल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग नेटवर्क (Real Time Air Quality Monitaring) इन इंडिया प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। इसके तहत जयपुर के अतिरिक्त कन्याकुमारी, चेन्नई तथा गुहावाटी में लो कॉस्ट सेंसर्स लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन सेंसर्स के माध्यम से शहर की हवा की गुणवत्ता के बारे में वृहद् जानकारी मिलेगी, जिसके आधार पर अन्वेषण कर वायु प्रदूषण कम करने के लिए बेहतर योजनाएं बनाई जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि खास बात है कि ये सेंसर्स देश में ही बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल क्लीन एयर प्रोजेक्ट के लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य में यह सेंसर सहायक होंगे।