जयपुर- राज्य के खिलाड़ियों को अब भविष्य की चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने आउट ऑफ टर्न पॉलिसी (Out Off Turn Policy) का लाभ देकर खिलाड़ियों को सीधे तौर पर रोजगार से जोड़ने की पहल की है। इसके चलते राजस्थान का प्रतिनिधितत्व करने वाले खिलाड़ियों व पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न पॉलिसी व 2 प्रतिशत आरक्षण से सरकारी नौकरी दी जाएगी। यह जानकारी और विचार सवाई मान सिंह स्टेडियम (SMS Stadium) के इंडोर हॉल में आयोजित 62वें केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद की अध्यक्ष पदमश्री ओलम्पियन अर्जुन अवार्डी डॉक्टर कृष्णा पूनियां (Krishna Poonia) ने दी।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में राजस्थान ही ऐसा एकमात्र प्रदेश है जहां खिलाड़ियों को राज्य स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रोत्साहन स्वरूप ईनामी राशि प्रदान की जाती है। ओलम्पिक व पैरालम्पिक खिलाड़ियों को ईनामी राशि बढ़ाने के साथ पेंशन देने की शुरुआत की गई है। उन्होंनें कहा, स्पोर्ट्स इंजूरी के कारण बीच में ही खेल छोड़ देने की गम्भीर समस्या का समाधान करते हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ एमओयू करते हुए इससे निजात दिलाने की पहल की गई है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि एसीबी के पुलिस महानिदेशक बीएल सोनी (Bl Soni) ने कहा कि खिलाड़ी को जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाते हुए आंतरिक चरित्र को मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। मेहनत का कोई पर्याय नहीं है। इसलिए शोर्ट कट नहीं अपनाएं। अच्छी किताबों व अच्छे दोस्तों को ही जीवन में महत्व दें। अतिथि इंटेलीजेंस के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने कहा, भाग-दौड़ की जिन्दगी में किसी न किसी प्रकार से खेलों से जुड़कर खेल को दैनिक दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाएं। खेल कौशल पूर्ण मनोयोग से सीखकर इसकी उपयोगिता को साबित करें।
युवा मामले व खेल विभाग के शासन सचिव नरेश कुमार ठकराल (Naresh Thakral) ने कहा, खेल भावना का खेलों से सीधा नाता है। शिविर निदेशक ओम प्रकाश बारिया ने बताया कि केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में दूर-दराज के 12 खेलों में 503 खेल प्रतिभाएं भाग ले रही हैं।