जयपुर- आने वाले राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) में एक बार फिर से प्रदेश में विधायकों की बाड़ेबंदी और जोड़-तोड़ का खेल खेला जाएगा। इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों खेमों ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में विधायकों की संख्या के लिहाज से कांग्रेस 2 पर तो भाजपा एक सीट पर सेफ है, लेकिन दोनों पार्टियों ने चौथी सीट की जुगत बैठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस जहां अपने सहयोगी विधायकों के बूते पर तीसरी सीट पर कब्जा जमाने में जुट गई है। वहीं भाजपा ने भी अपने दूसरे प्रत्याशी पर मंथन शुरू कर दिया है। भाजपा चौथी सीट के लिए कांग्रेस को वॉक ओवर नहीं देने का मानस बना चुकी है। इसलिए पार्टी किसी ऐसे चेहरे पर दांव खेलने की तैयारी में है, जो निर्दलीय विधायकों से जुगाड़ बैठा सके। राज्यसभा के लिए मंगलवार से नामांकन का काम होगा।
भाजपा ने 2020 में 3 सीटों के चुनाव में भी ऐसी कोशिश की थी, लेकिन चुनाव में कांग्रेस को दो सीट पर 123 और भाजपा को 74 विधायकों के वोट मिले थे। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) को 64 वोट, नीरज डांगी को 59 वोट मिले। वहीं भाजपा के राजेन्द्र गहलोत को 54 वोट और ओंकार सिंह लखावत को 20 वोट मिले। भाजपा का एक वोट रिजेक्ट हुआ, 2 मतदाता अनुपस्थित रहे थे। इस हिसाब से दोनों पार्टियों की ताकत कांग्रेस के पास 125 और भाजपा के पास 75 वोटों की दिखाई दी थी।
एक सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए। राज्यसभा चुनाव अनुपातिक पद्धति के मुताबिक इस बार चार सीटें रिक्त हैं। इस लिहाज से हर एक प्रत्याशी को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए।
अभी भारतीय जनता पार्टी- 71, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा.)-दो, निर्दलीय- 13, इन्डियन नेशनल कांग्रेस- 108, राष्ट्रीय लोक दल-एक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी- तीन, भारतीय ट्राइबल पार्टी-दो। वर्तमान में कांग्रेस के पास 108 सीटें होने के कारण दो सीटे जीतने के लिए प्रयाप्त 82 वोट हैं लेकिन तीसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस के पास 15 वोटों की कमी रहने वाली है । 13 निर्दलीय है तो राष्ट्रीय लोकदल के एक अभी सरकार के साथ में है। वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा.) और भारतीय ट्राइबल पार्टी भी साथ दे सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि तीन सीटों पर कांगेस काबिज होगी, वहीं भाजपा के पास 71 विधायक हैं। इस लिहाज से एक सीट पर जीत दर्ज हो सकेगी।
राज्य की 4 राज्यसभा सीटों पर होने जा रहे चुनाव में मतदान होना तय माना जा रहा है। अभी इन चारों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। बाद में 2018 के चुनाव में विधायकों की संख्या में हुए बदलाव से भाजपा राज्यसभा चुनाव में भी बैकफुट पर आ गई। अब दो सीटों पर कांग्रेस की जीत तय है । एक सीट भाजपा की मानी जा रही है। चौथी सीट पर गणित के लिहाज से कांग्रेस जुगत बिठा सकती है।
दोनों दलों में भारी गुटबाजी को देखते हुए विधायकों की बाड़ेबंदी को लेकर चर्चा शुरू कर दी गई है। भाजपा में वसुंधरा राजे समर्थित विधायक अलग राह पर रहते हैं, लेकिन पार्टी की व्हिप जारी होने से संदेह की स्थिति नहीं रहेगी। दूसरी तरफ, कांग्रेस में 108 विधायकों पर व्हिप लागू होगी। बाकी के विधायकों पर कांग्रेस को वोट देने की बाध्यता नहीं होगी। इसी को देखते हुए कांग्रेस अपने समर्थित विधायकों को बाड़ेबंदी में रख सकती है। वहीं, राजनीति नियुक्तियों में अनदेखी से नाराज विधायकों को भी साधा जाएगा।