हाल ही में टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) को डी लिट की उपाधी से सम्मानित किया गया। रतन टाटा को यह उपाधि महाराष्ट्र की एचएसएनसी यूनिवर्सिटी द्वारा समाज में उनके अतुलनीय योगदान के लिए दी गई है। रतन टाटा लगातार समाज में अपना योगदान देते आए है। वह समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए एक मिसाल है। उनके इन्हीं अतुलनीय कार्यों के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भगत सिंह कोश्यारी द्वारा विशेष दीक्षांत समारोह में डी.लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह एक अर्जित डिग्री है, जो कि संबंधित क्षेत्र में अनुसंधान और प्रकाशन का एक लंबा रिकॉर्ड है। यह डिग्री उन विशेष व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जिनके द्वारा किया गया शोध विशिष्ट क्षमता और मौलिकता दिखाता है। इस डिग्री को प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय समिति और बोर्ड की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
यह उपाधि प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति डॉ. पीताम्बरदत्त बड़थ्वाल है। वह हिंदी में डी.लिट. की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले शोधार्थी थे। उन्होंने अनुसंधान के क्षेत्र की ओर रूख करते हुए आचार्य रामचंद्र शुक्ल और बाबू श्यामसुंदर दास की परंपरा को आगे बढा़ने का प्रयास किया तथा हिन्दी आलोचना को मजबूती प्रदान की। उनके प्रयासों से भाषा को अधिक सामर्थ्यवान तथा विकासोन्मुख शैली प्राप्त हुई। पीताम्बरदत्त गंभीर अध्ययनशील व्यक्ति थे, उनकी शोध प्रवृत्ति के कारण उन्होंने हिन्दी में पहली डी.लिट. उपाधि प्राप्त की। उनका जन्म 13 दिसंबर 1901 को उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में पाली गाँव में हुआ। उन्हें बाल्यकाल से ही साहित्य में रूची थी तथा वे बचपन से ही कविताएं लिखने लग गए थे। किशोरावस्था में उन्होंने कहानी लिखना शुरू कर दिया था। पीताम्बरदत्त की इन्हीं प्रतिभाओं के कारण उन्हें हिंदी में पहली दि लिट की उपाधि प्राप्त हुई।
डी लिट की उपाधी डॉक्टर ऑफ लेटर्स है यह लैटिन के शब्दों से मिलकर बना है। इसे लिटरारम डॉक्टर या डॉक्टर लिटरारम भी कहा जा सकता है। यह मानविकी में प्राप्त एक टर्मिनल डिग्री है, जो डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी यानी पीएचडी के बाद एक उच्च डॉक्टरेट उपाधि है। डॉक्टर ऑफ साइंस की तरह ही यह भी एक उच्च डॉक्टरेट डिग्री है। यह उपाधि कई देशों के विश्वविद्यालयों और विद्वान निकायों द्वारा प्रदान की जाती है। विश्वविद्यालयो द्वारा प्रदत्त डी लिट की उपाधि एक सर्वोच्च शैक्षिक डिग्री है। डि लिट की उपाधि इन प्रमुख कार्यों के लिए दी जाती है जिनमें मानविकी में बेहतर उपलब्धि, रचनात्मक या सांस्कृतिक कलाओं में मूल योगदान शामिल है।
28 दिसंबर 1937 को महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में जन्मे रतन टाटा वर्तमान में टाटा समुह के अध्यक्ष है। उनका पूरा नाम रतन नवल टाटा है। टाटा समूह भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी। रतन टाटा सादा जीवन उच्च विचार रखने वाले व्यक्ति है तथा वे समाज की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते हैं।