हमारे देश में कईं ऐतिहासिक व पुरातात्विक स्थान है। कहा भी जाता है कि यदि किसी देश को भली-भांति जानना है तो उसके इतिहास को जानना जरूरी है। इतिहास न सिर्फ हमें प्राचीन काल की जानकारी देता है बल्कि यह ज्ञान भी देता है कि किस तरह हमारा देश एक यात्रा के बाद वर्तमान तक पहुंचा है। यह ऐतिहासिक स्थान प्राचीन भारतीय सभ्यता का को दर्शातें हैं। इसी तरह भारत का एक ऐतिहासिक स्थान है एलोरा की गुफाएं… जो इतिहास का एक जीवन्त उदाहरण है। यह बौद्ध, हिन्दू और जैन धर्म को समर्पित एक पवित्र स्थान है। यह न केवल अद्वितीय कलात्मक सृजन है (Ellora Cave) बल्कि भारत के धैर्यवान चरित्र की व्याख्या भी करता है।
एलोरा गुफा (Ellora Cave) भारत के प्रमुख पुरातत्व स्थलों में से एक है। इस गुफा का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था। यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अपनी स्मारक गुफाओं के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध इस गुफा का दूसरा नाम वेरुल है। जो कि युनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है। एलोरा कुल 34 गुफ़ाओं का समुह हैं। जिनमें 12 बौद्ध गुफाएँ, 17 हिन्दू गुफाएँ और 5 जैन गुफाएँ हैं। ये सभी गुफाएं पांचवीं और दसवीं शताब्दी में बने थी। इन गुफाओं को बेसाल्ट की ऊंची चट्टानों की दीवारों को काट कर बनाया गया हैं। जिन्हें दक्खन ट्रेप कहा जाता है।
एलोरा की गुफा के अंदर शिव मंदिर (Kailash temple) बना हुआ है जिसे पूरे भारत में कैलास मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में चट्टान व पत्थरों को काटकर बनाया गया शिवलिंग है। इस शिवलिंग को बनाने के लिए पूरे पर्वत को मूर्ति की तरह तराश कर द्रविड़ शैली के मंदिर का रूप दिया गया है। यह मंदिर 276 फीट लम्बा और 154 फीट चौड़ा है। इसका निर्माण ऊपर से नीचे की ओर किया गया थी। इस मंदिर की ऊंचाई 90 फीट है। मंदिर के अंदर और बाहर चारों ओर मूर्तियां बनी हुई है तथा आंगन के तीन तरफ कोठरियां बनी हुई है। इसके सामने एक मंडप बना हुआ है जिसमें नन्दी और दोनों ओर विशालकाय हाथी तथा स्तंभ बने हुए हैं। इसे राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम ने 757-783 ई. में बनवाया था।
एलोरा (Ellora) की गुफाओं के अलावा भारत में अन्य कई गुफाएं है। ये गुफाएं है… अजंता की गुफा (ओरंगाबाद, महाराष्ट्र) बाघ की गुफाएं (धार, मध्यप्रदेश), बाराबर की गुफाएं (गया, बिहार), चंदा देवी की गुफाएं (महासमुंद, छत्तीसगढ़), अमरनाथ की गुफा (कश्मीर), एलीफेंटा की गुफा (मुंबई, महाराष्ट्र), बादामी गुफा (कर्नाटक) और वराह गुफाएं (महाबलीपुरम, तमिलनाडु)।
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