बेधड़क। जयपुर राज्यों में कोयले की कमी को देखते हुए अब तक देश में पर्याप्त (Coal Crisis) कोयला होने के दावे कर रही केंद्र सरकार ने विदेश से कोयला आयात करने की लिमिट को बढ़ा दिया है। साथ ही, रेलवे के सहयोग से कोयले के परिवहन को बढ़ाने की कवायद भी की जा रही है। जानकारी के अनुसार, राज्यों में कोयले की कमी को देखते हुए अब केंद्र सरकार की ओर से विदेश से कोयला आयात करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अब देश में 200 मिलियन टन कोयला आयात करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में कोयले का आयात 207 मिलियन टन था। इसके वर्ष 2021 में घटाकर करीब 173 मिलियन टन कर दिया गया था। ये पूर्व में हो रहे कोयला आयात से 17 फीसदी कम था। अब केंद्र ने इसे फिर से 200 मिलियन टन बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
केंद्र सरकार ने राज्यों को ब्रिज लिंकेज के जरिए कोयला उपलब्ध कराने (Coal Crisis) की कवायद भी की है। इसके तहत विद्युत उत्पादन कम्पनियों के लिए कोयले की लंबी दूरी से ढुलाई करने से बचने के लिए लिंकेज कोयले की 25 प्रतिशत तक टोलिंग सुविधा की अनुमति दी गई है। इस संबंध में पिछले दिनों केन्द्रीय विद्युत एवं नवीन तथा नवीनकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कोयले का आयात एवं कोयले की स्टॉक स्थिति की समीक्षा की थी। बैठक में राज्य को अपने संयंत्रों के सबसे नजदीक वाली खदानों से अधिकतम कोयला लेने के निर्देश दिए गए थे।
कोल इंडिया से कोयले की सप्लाई कम होने के कारण राज्यों में (Coal Crisis) कोयले की किल्लत हुई है। यहां से प्रतिदिन 250 रेक कोयला विभिन्न राज्यों को भेजा जा रहा है। इसके बाद भी कोयले की मांग 450 रेक प्रतिदिन से ज्यादा बताई जा रही है। इस कमी का मुख्य कारण रेलवे से पर्याप्त रेक उपलब्ध नहीं होना माना जा रहा है। इसके लिए भी रेलवे से अतिरिक्त सहयोग मांगा गया है।
कोयले की सप्लाई बढ़ाने के लिए अब केंद्र के (Coal Crisis) निर्देश पर रेलवे ने अपनी करीब 657 ट्रेन रद्द कर दी हैं। इनकी जगह अब कोयले की रैक सप्लाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। रद्द ट्रेनों में मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर गाड़ियां शामिल हैं। इन ट्रेनों को रद्द कर 533 कोयला रैक ड्यूटी पर लगाए गए हैं। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश के 147 थर्मल पावर प्लांट के पास सामान्य से 24 फीसदी कम कोयले का स्टॉक ही मौजूद है। इन प्लांट्स के पास 57,033 हजार टन कोयले का स्टॉक होना चाहिए, लेकिन उनके पास सिर्फ 13,912 हजार टन ही कोयला मौजूद है। इन संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 163 गीगावॉट के विपरीत मांग में 204.65 गीगावॉट पहुंच गई है। उद्योगों में 3 मई से 8 घंटे आपूर्ति औद्याेगिक इकाइयों को 3 मई से सुबह 10 से शाम 6 बजे तक केवल 8 घंटे बिजली सप्लाई की जाएगी। 125 के वीए और उससे अधिक लाेड वाली इकाइयों के लिए 50% उपभोग घटाने के आदेश की सख्ती से पालना होगी।