नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले सियासी उबाल, कांग्रेस-AAP-TMC सहित कई पार्टियों ने बनाई दूरी

नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले सियासी पारा गरमाया हुआ है।

new parliament building | Sach Bedhadak

New Parliament Building : नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले सियासी पारा गरमाया हुआ है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, टीएमसी सहित कई विपक्षी दलों ने समारोह से दूरी बना ली है। टीएमसी और आम आदमी पार्टी पहले ही कार्यक्रम का बहिष्कार कर चुकी है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि उचित समय पर उचित फैसला किया जाएगा। साथ ही नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है। । इस मामले में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए उसके मन में भारत की प्रगति के प्रति ‘राष्ट्रीय भावना और गौरव का भाव’ नहीं होने का आरोप लगाया। वहीं, विपक्षी पार्टी ने उन पर ‘उलझाने और बहानेबाजी’ की कोशिश करने का आरोप लगाया। पुरी ने संवाददाताओं से कहा कि 24 अक्टूबर, 1975 को संसद के एनेक्सी भवन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था और 15 अगस्त, 1987 को संसदीय पुस्तकालय का शिलान्यास उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था।

उन्होंने कहा कि अगर आपके सरकार के अगुवा संसद एनेक्सी और पुस्तकालय का उद्घाटन कर सकते हैं तो इस सरकार के अगुवा क्यों नहीं? सीधी सी बात है। एक दिन पहले ही कांग्रेस ने सरकार पर संवैधानिक शुचिता का अपमान करने का आरोप लगाया और मांग की थी कि प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए। पुरी पर पलटवार करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री ‘उलझाने की और बहानेबाजी’ की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि मुझे इस बात का डर है कि मंत्री हरदीप सिंह पुरी उलझाने की और बहानेबाजी की कोशिश कर रहे हैं। संसद की एनेक्सी और पुस्तकालय तथा नएसंसद भवन के बीच अंतर है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निमंत्रण पर पीएम मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे।

राष्ट्रपति को दूर रखना आदिवासियों का अपमान

संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है? यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस समारोह का बहिष्कार करेगी तो वल्लभ ने कहा कि उचित समय पर उचित फैसला किया जाएगा। कांग्रेस पिछले कुछ दिनों यह मांग कर रही है कि इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति की मौजूदगी भी होनी चाहिए।

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टीएमसी करेगी कार्यक्रम का बहिष्कार

तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उदघाट्न कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम या तो स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस या गांधी जयंती पर आयोजित किया जाना चाहिए था, न कि वीडी सावरकर की जयंती पर। सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि हमने 28 मई को नए संसद भवन के उदघाट्न कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। यह उदघाट्न कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस या महात्मा गांधी की जयंती पर किया जाना चाहिए था। यह कार्यक्रम वीडी सावरकर की जयंती पर आयोजित करने का फैसला नहीं किया जाना चाहिए था। यह पूछे जाने पर कि क्या टीएमसी ने केंद्र के समक्ष अपनी चिंताएं जताई हैं, बंद्योपाध्याय ने कहा कि पुराने संसद भवन का क्या होगा, इसको लेकर विपक्षी दलों को अंधेरे में रखा गया है। सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि संसद सिर्फ एक इमारत नहीं है बल्कि पुरानी परंपराओ, मूल्ं यों, मिसालों और भारतीय लोकतंत्र की नींव वाली एक संस्था है।

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