आज देश का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर इसका रंगारंग और भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी मौजूद हैं। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के मुख्य नेता, तीनों सेना के अधिकारी, आम जनता और स्कूली बच्चे इस कार्यक्रम में मौजूद हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आने के बाद सभी का अभिनंनदन किया जिसके बाद उन्होंने तिरंगा फहराया, इस दौरान राष्ट्रगान की ओजस्वी धुन बजी सभी ने राष्ट्रगान गाकर और 21 तोपों की सलामी देकर भारत मां और तिरंगे को सलामी दी। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी ने अपना-अपना स्थान ग्रहण किया। इसके बाद भव्य परेड की शुरुआत हुई।
सबसे खास बात यह है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण करने वाली पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। यह अपने आप में ही देश के बेहद गौरव की बात है। उन्होंने अपने पूर्व संध्या के संबोधन पर कहा कि हमने सीखा है कि हमारा नेतृत्व, हमारे वैज्ञानिक और डॉक्टर, हमारे प्रशासक और ‘कोरोना योद्धा’ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही, हम में से प्रत्येक ने अपने गार्ड को कम नहीं होने देना और सतर्क रहना भी सीखा है। उन्होंने कहा कि मैं किसानों, श्रमिकों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की भूमिकाओं की सराहना करता हूं जिनकी संयुक्त शक्ति हमारे देश को “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान” की भावना के अनुरूप जीने में सक्षम बनाती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी और भारत के उच्चाधिकारियों ने मिस्त्र के अपने समकक्षों के साथ बीते बुधवार की रात को उच्चस्तरीय बैठक भी की थी। जिसमें दोनों देशों ने द्विपक्षीय सामरिक और पारस्परिक सहयोग के संबंधों को मजबूत करने की चर्चा की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी की अगवानी की और उनके सम्मान में भोज का आयोजन भी किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देने में मिस्र की अग्रणी भूमिका की सराहना करता है।