आजकल प्लास्टिक आम आदमी के जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है। पानी से लेकर खाने तक सबकुछ प्लास्टिक के पैकेट में पैक किया जाता है। जहां देखों वहां प्लास्टिक नज़र आता है। किचन के डब्बे, डस्टबीन, पानी की बोतल, खाने की पैकिंग, कप, प्लेट, स्ट्रॉ हर चीज़ हम प्लास्टिक की यूज कर रहे है। जबकि प्लास्टिक के लिए कहा जाता है कि इसके प्रभाव बहुत खतरनाक होते हैं। न तो यह पिघलती है न ही जलती है, न गलती है न सड़ती है। कहीं न कहीं यह पुरे ब्रह्माण्ड में घुमती रहती है और व्यक्ति के जीवन पर बुरा असर डालती है।
एक स्टडी के मुताबिक अब इंसान के ब्लड में भी माइक्रोप्लास्टिक कचरा पहुंच गया है। एक रिसर्च में 80% लोगों के खून और किडनी में प्लास्टिक के कण पाए गए हैं। आइए जानते हैं प्लास्टिक के नुकसान…
माइक्रो प्लास्टिक के कण हवा में भी तैरते रहते हैं। यह कण सांस लेने पर शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद खून में मिल कर दिल तक पहुंच जाते हैं। प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने पर, पैक्ड खाना खाने से, प्लस्टिक के कप-प्लेट में खाना खाने पर ये कण हमारे शरीर में चले जाते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक पूरे साल में एक व्यक्ति एक लाख 4 हज़ार कण अपने शरीर में जमा कर लेता है। जो ह्यूमेन सेल्स को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
समुद्र से निकलने वाले कचरे में सबसे ज़्यादा प्लास्टिक ही होता है। हालांकि भारत सरकार की ओर से सालों से प्लास्टिक बैन को लेकर कईं योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन बावजूद इसके लोग प्लास्टिक का यूज कर रहे हैं। करीब 3 साल पहले सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन भी लगाया गया था, इसके बावजूद लोग प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं।
बता दें कि माइक्रोप्लास्टिक हार्ट के ब्लड वेसेल्स को जाम करते हैं, साथ ही किडनी के नेफ्रॉन को भी नुकसान पहुंचाते हैं। जिसके कारण हार्ट अटैक और किडनी फेलियर के चांसेज बढ़ जाते हैं। प्लास्टिक का अधिक यूज करने से हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। मालूम हो कि पिछले 28 सालों में हार्ट डिज़ीज़ से 34 फीसदी मौतों का आंकड़ा बढ़ा है। प्लास्टिक हमारे के शरीर के लिए हानिकारक है ऐसे में जितना हो सके इसका कम उपयोग करें और जल्दी से जल्दी इसे अपने जीवन से निकाल दें।
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