महंगाई डायन से आम आदमी तो पहले ही परेशान है, वहीं मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़े सरकार और रिजर्व बैंक के पसीने छुड़ा सकते हैं। खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में सालाना आधार पर बढ़कर 7.79% हो गई, जो आठ साल का सबसे ऊंचा स्तर है। महंगाई के इन आकड़ों में बड़ी भागीदारी खाने पीने के सामान की है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी, और यह रिजर्व बैंक के लक्ष्य की ऊपरी सीमा से लगातार चौथे महीने ऊपर रही है। इससे आरबीआई पर आने वाले दिनों में ब्याज दरों को और बढ़ाने का दबाव बढ़ जाएगा।
सेंसेक्स 1150 अंकों से ज्यादा कमजोर हुआ है। निफ्टी भी 15800 के करीब आ गया है। इस बीच बीएसई पर लिस्टेड कं पनियों का मार्केट कै प 5 लाख करोड़ से ज्यादा घट गया है। बाजार में चौतरफा बिकवाली रही है। निफ्टी पर बैंक और फाइनेंशियल इंडेक्स में 3% से ज्यादा गिरावट है। आटो इंडेक्स में 2% कमजोरी देखने को मिली। आईटी, फार्मा और एफएमसजी इंडेक्स में 1 फीसदी गिरावट रही है। रियल्टी इंडेक्स में 2% से ज्यादा तो मेटल इंडेक्स में 3.7% कमजोरी देखने को मिली। फिलहाल सेंसेक्स में 1158 अंकों की गिरावट रही।
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