जयपुर- राजस्थान में पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा डीजल पेट्रोल की आपूर्ति समय पर नहीं करने के कारण ईंधन संकट पैदा हो गया है। प्रदेश के करीब 2 हजार पम्प ड्राई हो गए हैं। हालांकि, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि उत्पादन किसी भी मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक मांग में पेट्रोल डीजल की मांग में बढ़ोतरी कृषि गतिविधियों के कारण आई है। थोक पेट्रोल डीजल के खरीदार अब रिटेल पेट्रोल पंप से खरीदारी कर रहे हैं इसके चलते भी दिक्कतें बढ़ी हैं। प्राइवेट मार्केटिंग कंपनियों ने सेल्स घटा दी है, जिससे इसका भार सरकारी कंपनियों पर आ गया है।
रिलायंस और एस्सार ने तेल आपूर्ति पहले से ही बंद कर दी है। इसके चलते भार अन्य तेल कंपनियों के पेट्रोल पंपों पर आ गया है। दावा किया जा रहा है की राजस्थान के साढ़े छह हजार पेट्रोल पंप में से करीब दो हजार पेट्रोल पंप ड्राई हो चुके हैं। राजस्थान का कोई छोटा बड़ा जिला ऐसा नही है, जहां पेट्रोल और डीजल की किल्लत नहीं हो। जयपुर में करीब साढ़े छह सौ पेट्रोल पंप हैं।
इनमें से सौ से ज्यादा पम्पस पर पेट्रोल और डीजल उपलब्ध नहीं होने के बोर्ड लग चुके हैं। राजस्थान पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि इस किल्लत की पहली बड़ी वजह है करीब दो हफ्ते से कुछ कंपनियों के पेट्रोल पंप बंद होना। दूसरी वजह है भारत और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी की तरफ से कम की जा रही सप्लाई।
पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में, कुछ क्षेत्रों में पीएसयू रिटेल आउटलेट्स पर भारी भीड़ देखने को मिली है। इससे ग्राहकों के लिए देरी और प्रतीक्षा समय में वृद्धि हुई है। मंत्रालय के मुताबिक यह सच है कि कुछ राज्यों में विशेष स्थानों पर पेट्रोल और डीजल की मांग में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले वर्ष की तुलना में जून 2022 की पहली छमाही के दौरान 50% तक पेट्रोल डीजल की मांग बढ़ी है।
खासकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में ज्यादा मांग देखने को मिली है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि ये ऐसे राज्य हैं जहां बड़ी मात्रा में पेट्रोल डीजल की सप्लाई निजी पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों द्वारा की जाती है और ये जगह आपूर्ति स्थानों यानी टर्मिनलों और डिपो से काफी दूर है।