निरंजन चौधरी। जयपुर। खाटूश्यामजी में प्रशासन की ओर से मेले के समय लगाई गई धारा 144 का प्रभाव श्याम मंदिर में अभी भी जारी नजर आ रहा है। जबकि प्रशासन की ओर से इस धारा को पहले ही दिया गया है। प्रशासन के अधिकारी धारा प्रभावी होने की बात से इनकार कर रहे हैं, लेकिन मौके पर स्थिति यही बयां कर रही है।
मंदिर कमेटी की तरफ से धारा 144 लगे होने का हवाला देने का असर यह है कि भक्तों से एंट्री गेट (जिगजैग में प्रवेश) से पहले ही बाबा के लिए लाए गए आस्था के फूलों को छीन लिया जाता है और फिर उसे डस्टबिन (प्लास्टिक के ड्रमों) में डाला जा रहा है। इसके अलावा पैदल यात्रियों की ओर से लाइ जा रही पताका को भी मंदिर से दूर रखा जा रहा है। इतना ही नहीं कोई भक्त मंदिर के एंट्री गेट से पताका ले भी आता है तो सुरक्षाकर्मी इसे छीनकर डस्टबिन में डाल देते हैं।
जब ‘सच बेधड़क’ संवाददाता ने मौके पर जाकर देखा तो यहां भक्तों सेजबरदस्ती बाउंसरों की ओर से फूल छीने जा रहे थे। इस दौरान कई बार बाउंसरों को भक्तों की नोक- झोंक का सामना करना पड़ रहा था। जब इस बारे में अधिक जानकारी जुटाई तो पता चला कि प्रशासन ने मेले के समय 7 फरवरी को एक आदेश निकालकर इस क्षेत्र में धारा 144 लगा दी थी। जिसमें मंदिर में इत्र के अलावा फूलों के प्रवेश पर रोक लगाई थी, इस आदेश का असर अभी तक दिखाई दे रहा है।
ठगा सा महसूस करते हैं भक्त
मंदिर में प्रवेश से पहले जिगजैग के पास बाउंसर खड़े रहते हैं। जो जिगजैग में एंट्री से पहले ही रखे प्लास्टिक के कचरा पात्रों में भक्तों से जबरदस्ती फूलों को छीनकर डलवा देते हैं। अगर कोई भक्त पात्र में अपने आस्था के फूल और घर से लाया प्रसाद नहीं डालता तो उससे नोंक- झोंक की नौबत तक आ जाती है। इसके अलावा भक्तों से पताका भी मंदिर से काफी दूर रखवा ली जाती है।
बाबा तक नहीं पहुंच पा रही पताका
मंदिर में रींगस से पैदल आने वाले पदयात्रियों के लिए पताका रखने की भी कोई जगह नहीं है। इसके चलते सैकड़ों किलोमीटर दूर से बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे भक्त अपने आप को ठगा महसूस करते हैं। पताकाओं को मंदिर से काफी दूर रखवाया जा रहा है। ऐसे में जो भक्त बाबा के चरणों में पताका चढ़ाने के मकसद से आते हैं वह पूरा नहीं हो पाता।
बाउंसरों ने छीन लिया फूल
दिल्ली से आई हूं। बाबा के लिए गुलाब का फूल लाई थी, लेकिन बाउंसरों ने इसे मेरे हाथ से छीनकर डस्टबिन में डाल दिया। मुझे बहुत बुरा लगा। अगर बाबा के चरणों तक फूल पहुंचाने ही नहीं दिए जा रहे हैं तो प्रशासन इनकी बिक्री पर ही पाबंदी क्यों नहीं लगा देता– आरती, भक्त खाटूश्यामजी
हमने कोई ड्रम नहीं रखे, हालाकि एंट्री गेट पर कचरे के ड्रम जरूर रखे रहते हैं। अगर भक्तों से फूल छीनकर कचरे के ड्रम में डाले जा रहे हैं तो मामले को दिखवा लेता हूं। हम प्रसाद और पताकाओं के लिए जल्द ही मंदिर में स्थान बनवाएंगे– संतोष सिंह, मैनेजमेंट, खाटूश्यामजी मंदिर भक्त
अगर फूल खरीदकर उसे बाबा के दरबार में चढ़ाना चाहते तो इसमें कोई गलत नहीं है। अगर भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है तो यह बहुत ही गलत है। जो भक्त सैकड़ों किलोमीटर से घर का प्रसाद और फूल चढ़ाने के लिए आते हैं वह उनकी बाबा के प्रति आस्था है– मोहनदास महाराज, पूर्व अध्यक्ष, खाटूश्याम मंदिर कमेटी
प्रशासन की ओर से मेले के समय लगाई गई धारा 144 मेला ख़त्म होते ही हटा दी गई थी। अब मंदिर कमेटी की ओर से कोई नया फैसला लिया गया है तो उसकी मुझे जानकारी नहीं है। बाकी भक्तों की आस्था के साथ ऐसा किया जाना बिल्कुल गलत है। प्रतिभा वर्मा, एसडीएम, खाटूश्याम जी
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