सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने अपने विधानसभा क्षेत्र के समस्याओं को लेकर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल पर सवालों की बौछार की। इन सवालों के बीच उनके एक बयान ने पूरे विधानसभा में हंगामा मचा दिया। दरअसल उन्होंने अपने सवालों में ही सिरोही में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के 50 करोड़ की जमीन को लेकर घोटाले का जिक्र किया। जिस पर भाजपा विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई। इसी सवाल मे संयम लोढ़ा ने अपनी ही सरकार के मंत्री शांति धारीवाल से पूछा डाला कि आखिर आपका भाजपा से क्या याराना है?
वसुंधरा राजे पर लगाया जमीन घोटाले का आरोप
बात सिर्फ यही नहीं थमी। सदन में करीब 10 से 15 मिनट तक व्यवधान तक रहा। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत भाजपा विधायकों ने अपने स्थान पर खड़े होकर जोरदार हंगामा किया और संयम लोढ़ा से कहा कि जो व्यक्ति सदन में उपस्थित नहीं है या फिर जो मामला कोर्ट में लंबित है उसका जिक्र हम विधानसभा की कार्यवाही के बीच में नहीं कर सकते हैं। इसे लेकर संयम लोढ़ा ने कहा कि मैं बगैर सबूत के कुछ नहीं कहता। मेरे पास सारे सबूत है कि वसुंधरा राजे ने अपने कार्यकाल में पूरे राजस्थान में जमीनों का कितना घोटाला किया है और सिरोही में मैं जिस जमीन की बात कर रहा हूं उसमें तो आप भी शामिल थे।
आपकी छाती पर मूंग दलने के लिए फिर आ रहा हूं – राजेंद्र राठौड़
संयम लोढ़ा ने राजेंद्र राठौड़ से कहा कि तब आप सिरोही के प्रभारी मंत्री थे। इस 50 करोड़ के घोटाले में आपका भी नाम है। इस पर राजेंद्र राठौड़ बेहद आक्रोशित हुए। उन्होंने व्यवस्था पुस्तिका उठाकर सभापति से कहा कि मुझे विधानसभा की व्यवस्थाएं पढ़ने दीजिए क्योंकि सदन तो बगैर व्यवस्थाओं के ही चल रहा है। संयम लोढ़ा बगैर किसी सबूत के आरोप कैसे लगा सकते हैं और जो मामला कोर्ट में लंबित है उसे कार्यवाही में जिक्र कैसे कर सकते ?
संयम लोढ़ा ने कहा कि आप सिरोही के प्रभारी मंत्री थे, जब वसुंधरा ने 50 करोड़ की जमीन का घोटाला किया। इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मैं प्रभारी मंत्री था लेकिन आपकी छाती पर मूंग दलने के लिए फिर आ रहा हूं।
धारीवाल जी मजबूर हैं…
हंगामे के बाद जब संयम लोढ़ा ने अपना प्रश्न दोबारा किया उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र की सड़कों की हालत यह हो रही है कि आए दिन निर्दोष लोगों की कीमती जान जा रही है। लोग मर रहे हैं। अगर सड़कों की ऊपरी परत को थोड़ा सा हाथ लगाकर देखा जाए तो नीचे गड्ढे नजर आते हैं। इसे लेकर मैंने शांति धारीवाल को न जाने कितने पत्र लिख दिए। लेकिन वह बेचारे मजबूर दिखाई देते हैं। उनकी शायद अपने अधिकारियों पर चलती नहीं है। अपने अधिकारियों की मनमानी को वह सिर्फ देख रहे हैं।
सिरोही में भाजपा कार्यालय क्यों नहीं हटवाया…भाजपा से क्या याराना है?
इन्हीं सवालों में उन्होंने भाजपा की सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि जब वसुंधरा राजे की सरकार थी, उस समय यही वसुंधरा राजे आपको जेल में डालने के लिए क्या-क्या जतन कर रही थीं। क्या आपको नहीं पता ? लेकिन वह हम लोग थे जो आपके लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे कि हाड़ौती का एक ही लाल… शांति धारीवाल। लेकिन अब आप यह बताइए मंत्री बनने के बाद आपने वह भाजपा कार्यालय जो उनकी सरकार के समय पर घोटाले की जमीन को लेकर के बना.. उसे अब तक वहां से क्यों नहीं हटवाया गया। आखिर आपका भाजपा से क्या ‘याराना’ है, जो आपने अभी तक कार्यवाही नहीं की।
वसुंधरा से क्यों नहीं लिया सरकारी बंगला…भाजपा से क्या याराना है?
संयम लोढ़ा यहीं नहीं रुके। उन्होंने शांति धारीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान में यह साफ-साफ लिखित है कि कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री, या पूर्व में किसी पद पर बैठा व्यक्ति सरकार की तरफ से दिए गए उस बंगले में नहीं रह सकता तो फिर आप यह बताइए कि वसुंधरा राजे का सरकारी बंगला आपने वहां से उठाकर विधानसभा के पीछे डाल दिया और वह वहीं पर रह रही हैं। आखिर आपका भाजपा से क्या याराना है, कितना याराना है? संयम लोढ़ा ने कहा कि आखिर आप इन पर कार्यवाही क्यों नहीं करते? क्यों उनके बंगले को नहीं हटाते? क्यों सरकारी बंगले को वापस नहीं लेते?
जब मॉनिटरिंग नहीं कर सकते…तो क्यों चलाया अभियान
संयम लोढ़ा ने शांति धारीवाल से प्रशासन शहरों के संग अभियान में कई अनियमितता का समाधान ना होने का भी सवाल दागा। उन्होंने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान जो मुय़ख्यमंत्री अशोक गहलोत का सपना है कि यह जनता तक पहुंचे, उनके पट्टे सही तरह से वितरित किए जाए। इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। आप क्या कर रहे हैं? फिर अभियान क्यों चलाया है आपने जब आप इसकी मॉनिटरिंग नहीं कर सकते।