ये बीमारी औरतों में काफी कॉमन है लेकिन शुरुआती स्टेज में औरते इसे समझने और बताने से कतराती हैं। ये बीमारी आगे चलकर गर्भाशय में ट्यूमरका रूप ले लेती है। इसके सामान्य लक्षण हार्मोन का बैलेंस ना होना, पीरियड्स की अनियमितताएं जैसी समस्याएं हैं।
दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर के सबसे ज्यादा केस भारत से ही आते हैं। ब्रेस्ट कैंसर होने से पहले शरीर संकेत देता है, इसमें ब्रेस्ट में असहनीय दर्द होता है, लिक्विड निकलने लगता है और यह सारी चीजें अगर शुरुआत में ना पकड़ी जाएं तो कैंसर गंभीर रूप भी ले सकती हैं।
ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें पीरियड्स के 7 दिन या उसके बाद भी बहुत ब्लीडिंग होती रहती है। इस वदह से काफी खून निकल जाता है और इस कारण से एनीमिया जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
डिप्रेशन एक आम परेशानी है जो किसी को भी हो सकती है। काम के बोझ तले अधिकतर महिलाएं मानसिक स्थितियों को झेलती हैं, लेकिन इस बारे में बात करने से संकोच करती हैं।
ये भी आम बीमारी में से एक है। इस बीमारी में गर्भाशय की रेखाएं अंदर बढ़ने की जगह बाहर की ओर बढ़ने लगती हैं और गर्भाशय की नली और अंडाशय में विकसित हो जाती है, जिससे महिलाओं को असहनीय दर्द होता है।
दोनों ही कैसर में समान स्थिति होती है लेकिन ओवेरियन कैंसर में महिलाओं को डिस्चार्ज के समय दर्द का अनुभव होता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर्स पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। इस टेस्ट के जरिए सर्वाइकिल कैंसर का पता लगाना आसान है।