ACR मामले को चल रहे कांग्रेस नेताओं में गहमागहमी पर अब भाजपा ने हमला बोला है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर अपने दायित्वों को निभाने में विफल होने का आरोप लगाया है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डॉ अरुण चतुर्वेदी ने राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों पर संवैधानिक दायित्वों को न निभा पाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ACR पर चल रही रार से दिख रहा है कि कांग्रेस सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है।
मंत्रिमंडल की कमजोरी दिखा रहा है ACR मामला
भाजपा नेता चतुर्वेदी ने कहा कि जिस प्रकार मंत्रिमंडल के सदस्य IAS अफसरों की ACR भरने के मामले में आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वह उनकी कमजोरी और मंत्रिमंडल के सामूहिक दायित्वों के निर्वहन के विषय में जानकारी ना होने को प्रकट करता है। अच्छा होता मंत्रिमंडल के सदस्य इस विषय की सार्वजनिक चर्चा करने की जगह उसकी चर्चा मंत्रिमंडल की बैठकों में उठाकर उस पर चर्चा करते जिससे उनका विषय किसी निष्कर्ष तक पहुंचता।
मंत्रियों के अपने विभाग पर पकड़ ही नहीं है
चतुर्वेदी ने कहा कि इन सार्वजनिक वक्तव्यों से राजस्थान की कांग्रेस सरकार के सत्ता संतुलन के बदलने का भी एहसास होता है। भाजपा नेता ने कहा कि इन बयानों से यह भी दिखाई देता है कि मंत्रियों की अपने विभागों पर पकड़ नहीं है। इसी कारण मंत्री अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध कामों के खिलाफ कार्रवाई करने के स्थान पर उनके खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी करते हैं।
खाचरियावास ने कहा था महेश जोशी को गुलाम
मंत्रियों के ACR भरने को लेकर कल प्रताप सिहं खाचरियावास ने कहा था कि महेश जोशी एसीआर नहीं लिख रहे हैं। झूठ बोल रहे हैं। कल दिव्या मदेरणा का बयान देखा उन्होंने कहा कि मंत्री को ही एसीआर लिखनी चाहिए। इसमें बुरा मानने की क्या बात है? जिस विभाग का मंत्री होगा वही एसीआर लिखेगा। आप खुलकर बोलिए न। बेवजह गुलामी नहीं करनी चाहिए। आपने अगर गुलामी का ठेका ही ले लिया है तो फिर लीजिए।
हालांकि आज महेश जोशी की प्रेस कांफ्रेंस के बाद खाचरियावास ने कहा कि उन्हें डॉ महेश जोशी को अगर मेरे शब्दों से ठेस पहुंची, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं , मुझे इस बात का दुख हुआ कि उन्हें मेरी बात से दुख हुआ। वे मेरे बड़े भाई जैसे है। मैं खुद उनके घर जाऊंगा और उसने बात करके इस बारे में माफी मांगूगा। हमारे बीत तनाव जैसा कुछ भी नहीं है। हम इस वक्त मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं न कि उसे कोई मौका देना चाहते हैं।