अमेरिका की सरकार ने दिग्गज मोबाइल कंपनी Apple पर मुकदमा दायर करने जा रही है। अमेरिका की सरकार ने एप्पल पर बाजार में गैरकानूनी एकाधिकार बनाए रखने का आरोप लगाया हैं। इसके साथ ही प्रतिस्पर्धी कंपनियों को गलत तरीकों से मार्केट से बाहर रखने और कीमतों पर नियत्रंण रखने की बात कही गई है।
एक अग्रेंजी वेबसाइट के मुताबिक, अमेरिका के न्याय विभाग और16 स्टेट्स के अटॉर्नी जनरल्स ने Apple पर गैरकानूनी एकाधिकार बनाए रखने के मामले में मुकदमा दायर करने का निर्णय लिया है। कंपनी पर कई आरोप लगाए गए हैं कि एप्पल ने सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में एकाधिकार रखने और दूसरी कंपनियों को बाजार से बाहर रखने की कोशिश की है। जिसके कारण से कस्टमर्स अधिक कीमत देनी पड़ती है। इस मामले के बाद एप्पल भी अमेजन, गूगल और मेटा जैसी कंपनियों की सूची में शामिल हो गई है, जो यूएस गवर्नमेंट के एंटीट्रस्ट मुकदमे का समाना कर रही हैं।
न्याय विभाग ने लगाए आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाए हैं कि एप्पल अगर सरकारी कानूनों का पालन करती तो कस्टमर को आईफोन के लिए मोटी रकम नहीं देनी पड़ती। एप्पल ने दुनियाभर के बाजार पर कब्जा नई टेक्नॉलजी लाकर नहीं किया है, बल्कि दूसरी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा से बाहर रखकर किया है। ऐसा करने से ग्राहकों और डेवलपर्स दोनों के लिए हानिकारक है। जिसके कारण से ग्राहकों को कम विकल्प मिलते हैं और ज्यादा कीमत देनी पड़ती है और खराब क्वालिटी के ऐप्स मिलते हैं।
यह भी आरोप लगा हैं कि एप्पल बाहरी ऐप्स को अपने ऐप स्टोर पर जगह देना मुश्किल बनाता है। जिसके चलते बाहरी ऐप्स बेहतर परफॉर्म नहीं करते है, इसके साथ ही कहा गया है कि ऐसा करके एप्पल ने पिछले 15 सालों में ऐप स्टोर से किसी बाहरी ऐप के खरीदे जाने या उसमें पेमेंट किए जाने पर 30 फीसदी कमीशन लिया है। यदि इसका विरोध नहीं किया गया तो एप्पल कंपनी अपने एकाधिकार को कायम रखने की कोशिश करती रहेगी। फिलहाल एप्पल की और से कोई बयान नहीं दिया गया है।
मामले पर कंपनी ने कही ये बात
एक बिजनेस वेबसाइट के मुताबिक, इस न्यूज के बाद गुरुवार 21 मार्च को एप्पल के शेयर में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। साही ही एप्पल ने कहा है कि मुकदमा तथ्यों और कानूनी तौर पर गलत है। हम इसका विरोध करेंगे। वहीं कंपनी ने कहा है कि इससे सरकार उन कंपनियों को लाभ पहुंचाना चाहती है, जो एप्पल के साथ मुक्त में बिजनेस करना चाहती है।